आपके घर में यदि है ये...चार कफ सिरप, बच्चों की पहुंच से कर दें दूर, जा सकती है जान, WHO ने किया बैन
नईदिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में सर्दी-खांसी की चार सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहना है की ये सिरप मानकों पर खरे नहीं हैं। ये बच्चोन के लिए बिलकुल सुरक्षित नहीं हैं,इनके लगातार उपयोग से बच्चों में गंभीर लक्षण और जान जाने का डर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की मेडेन फार्मास्यूटिकल की प्रोमिथैजीन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समैलिन बेबी कफ, मेकऑफ बेबी कफ सिरप, और मैगरिप एन कोल्ड सिरप को बच्चों के लिए घातक बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये कार्रवाई गांबिया में बच्चों की मौत के बाद की है। यहां इन कफ सिरप के सेवन से 66 बच्चों की किडनी खराब होने से जान जा चुकी है। WHO ने इन कफ सिरप की बिक्री पर तुरंत रोक लगाने की सलाह दी है। इसके बाद अब भारत में भी मेडेन फार्मास्यूटिकल के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
भारत में 33 की जान -
स्वास्थ्य संगठन की लैब रिपोर्ट के अनुसार इन कफ सिरप में डायथेलेन ग्लाईकोल और इथिलेन ग्लाईकोन का मानक स्तर से अधिक उपयोग किया गया है। इन दोनों कंपाउंड की मात्रा की वजह से ही इन्हें पीने वालों की जान जा रही है। दरअसल, इन कंपाउंड की वजह से भारत में भी बच्चों समेत 33 की जान जा चुकी है, लेकिन इन कंपाउंड पर बैन नहीं लगाया गया है।
क्यों है जहरीले -
विशेषज्ञों के अनुसार, यथेलेन ग्लाईकोल और इथिलेन ग्लाईकोन कार्बन कंपाउंड है। इनका उपयोग बच्चों के कफ सिरप में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। दवाओं में ये कंपाउंड अधिकतम 0.14 मिलीग्राम प्रति किलो तक मिलाया जा सकता है। 1 ग्राम प्रति किलो से ज्यादा मिलाने पर ये मौत का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जिन दवाओं को प्रतिबंधित करने की सलाह दी है, उनमे ये कंपाउंड आवश्यकता से अधिक पाया गया है।
ऐसे करते है असर -
इन कंपाउंड का इंसानों पर तीन चरणों में असर दिखाई देता है। पहले चरण में कम सेवन पर उल्टी-दस्त, पेट में दर्द। दिमाग सुन्न होना आदि लक्षण आते है। इसके बाद सेवन करते रहने पर पेशाब करने में दिक्कत, मानसिक स्थिति में बदलाव एवं अंतिम चरण में किडनी फेल्योर से मौत हो सकती है।
भारत में जांच शुरू -
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलर्ट के बाद सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने मेडेन फार्मास्यूटिकल के खिलाफ जाँच शुरू कर दी है। जल्द ही कंपनी के हरियाणा स्थित कार्यालय पर छापा पड़ सकता है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, WHO से मिली जानकारी के आधार पर CDSCO ने इसकी जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में पता चला है कि मेडेन फार्मास्यूटिकल ने अब तक सिर्फ गाम्बिया को ही इन कप सिरप का निर्यात किया था.