Ravneet Bittu : कांग्रेस से सांसद रहे रवनीत बिट्टू BJP के टिकट पर हारे फिर भी मंत्री, ऐसा क्या है खास

Ravneet Bittu : लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद भाजपा पंजाब में अपने पैर जमाने की कोशिश में है।

Update: 2024-06-09 17:11 GMT

Ravneet Bittu : कौन हैं रवनीत बिट्टू, जिसे भाजपा ने बनाया मंत्री

दिल्ली। पंजाब में इस बार हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई इसका मलाल पार्टी को जरूर है। चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भाजपा में शामिल हुए, उन्हें टिकट मिला और वे चुनाव हार गए। हार के बावजूद भाजपा पंजाब में अपने पैर जमाने की कोशिश में है। भाजपा (BJP) के लिए पंजाब कितना अहम हो गया है वो इस बात से पता चलता है कि, चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने पंजाब के नेता रवनीत बिट्टू (Ravneet Bittu) जो कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे हैं, को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। रवनीत बिट्टू ने नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर मंत्री पद की शपथ ली है लेकिन उनके बारे में कई ऐसी बात है जिसे भाजपा अपने पक्ष में उपयोग करना चाहती है।

पहले रवनीत बिट्टू का बैकग्राउंड पढ़िए। रवनीत राणा का नाम भले ही देश भर में आज पहली बार कई लोगों ने सूना हो लेकिन उनका परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा हुआ है। उनके दादा बेअंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं। ये वहीं हैं जिनकी हत्या साल 1995 में खालिस्तानी आतंकियों ने की थी। इसके बाद उनका परिवार राजनीति में कम एक्टिव रहा। रवनीत भी छोटी से सीमेंट यूनिट चलाया करते थे। इन्हे राजनीति में राहुल गांधी लेकर आए।

साल 2007 में रवनीत और राहुल गांधी की मुलाकात हुई। इसके बाद वे कांग्रेस में दोबारा एक्टिव हुए। पहले पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने फिर सांसद। ये पंजाब कांग्रेस में रवनीत की पकड़ को दिखाता है। वे 2009 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे। आनंदपुर साहिब से उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की। इसके बाद 2014 और फिर 2019 में वे लुधियाना लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे और जीत की हैट्रिक लगा दी।

2024 में हार गए :

अब चुनाव के पहले वे भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद क्या हुआ वे सभी जानते हैं। कांग्रेस ने उनके सामने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को टिकट दिया था। वे 20 हजार वोट से अमरिंदर से हार गए। बावजूद इसके भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाया है। जबकि भाजपा के कई जीते हुए सांसद जो पहले मंत्री थे उन्हें इस बार मौका नहीं मिला।

अब समझते हैं वो कारण जिनके चलते रवनीत जो मंत्री बनाया गया...।

रवनीत खालिस्तानियों के कटु आलोचक हैं। भाजपा उनके जरिये पंजाब में माहौल बनाना चाहती है। कई स्थानीय नेता सुरक्षा कारणों और अन्य लाभ के चलते खलिस्तान को समर्थन करने वालों की आलोचना करने से बचते हैं लेकिन यहां रवनीत भाजपा के पक्ष में माहौल बना सकते हैं। पंजाब में भाजपा संगठन के स्तर पर भी कुछ कमजोर है। रवनीत ने एक बयान में कहा था कि, वे पंजाब में भाजपा को संगठन के स्तर पर मजबूत ग्राउंड बना कर देंगे। किसानों के मुद्दे को लेकर पंजाब के लोग भाजपा को मौका नहीं देना चाहते ऐसे में रवनीत कैसे भाजपा को फेवरेबल ग्राऊंड तैयार करके देंगे यह देखने लायक होगा।

Tags:    

Similar News