नईदिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर सितंबर महीने में घटकर 10.7 फीसदी पर आ गई है, जबकि पिछले साल सितंबर में यह 11.80 फीसदी रही थी। थोक महंगाई दर में लगातार चौथे महीने गिरावट दर्ज हुई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित थोक महंगाई दर लगातार चौथे महीने घटकर 10.7 फीसदी पर आ गई है। इससे पिछले महीने अगस्त में थोक महंगाई दर 12.41 फीसदी थी। दरअसल डब्ल्यूपीआई पर आधारित थोक महंगाई दर इस साल मई में 15.88 फीसदी के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।
मंत्रालय के मुताबिक विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में नरमी, खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में कमी आने की वजह से थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर में ये गिरावट दर्ज हुई है। डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर में लगातार चौथे महीने गिरावट का रुख देखने को मिला है। थोक महंगाई सितंबर 2022 से लगातार 18वें महीने दहाई अंकों में बनी हुई है।आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 11.03 फीसदी हो गई है, जो अगस्त में 12.37 फीसदी पर पहुंच गई थी। हालांकि, इस दौरान सब्जियों के दाम बढ़कर 39.66 फीसदी पर आ गए है, जो अगस्त में 22.29 फीसदी थे। ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर सितंबर में 32.61 फीसदी रही, जो अगस्त में 33.67 फीसदी पर रही थी। विनिर्मित उत्पादों और तिलहन की महंगाई दर क्रमशः 6.34 फीसदी और नकारात्मक 16.55 फीसदी थी।
उल्लेखनीय है कि सितंबर में खुदरा महंगाई दर लगातार 9वें महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के तय छह फीसदी के लक्ष्य से ऊपर 7.41 फीसदी रही है। दरअसल आरबीआई मुख्य रूप से मौद्रिक नीति के जरिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखता है। महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल प्रमुख ब्याज दर को चार बार बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया है।