लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के जिन्ना वाले बयान की कड़ी निंदा की है। मुरादाबाद पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि रविवार को मैं सपा मुखिया के बयान को सुन रहा था। अखिलेश यादव राष्ट्र को तोड़ने वाले जिन्ना से राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल की तुलना कर रहे थे। उनका यह वक्तव्य शर्मनाक है।
सरदार बल्लभ भाई पटेल भारत की एकता अखंडता के आधार हैं। वह उसके शिल्पी हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन आजाद भारत को एक भारत के रूप में रखने, अखंड भारत के रूप में वर्तमान भारत को रखने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह सरदार बल्लभ भाई पटेल को जाता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूरा देश 31 अक्टूबर को सरदार पटेल को मानता है लेकिन कल विभाजनकारी सोच एक बार फिर से सामने आ गई। अखिलेश ने सरदार बल्लभ भाई पटेल को जिन्ना के समकक्ष रखकर के जिन्ना को महिमामंडित करने का प्रयास किया है। मुझे लगता है कि भारत की जनता इस विभाजनकारी मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करेगी। उत्तर प्रदेश की जनता तो इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी। यह तालिबानी मानसिकता है जो हमेशा तोड़ने में विश्वास करता है। पहले सामाजिक ताने-बाने को जाति के नाम पर तोड़ने की प्रवृत्ति और अब अपने मंसूबों पर इस वक्त सफल नहीं हो रहे हैं तो महापुरुषों पर लांछन लगाकर पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास हो रहा है। इस घटिया प्रवृत्ति को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। योगी ने कहा कि पूरे समाज को और पूरे प्रदेश को इसकी निंदा करनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने इस कृत्य के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। भारत की अखंडता के शिल्पी सरदार बल्लभ भाई पटेल का अपमान यह देश कतई स्वीकार नहीं कर सकता है। उनका वक्तव्य अभी इसलिए आया है क्योंकि उनकी विभाजन की प्रवृत्ति हमेशा से रही है।