Krishna Janmashtami: भगवान कृष्ण को प्रसन्न करें इस जन्माष्टमी, जानें उनके मनपसंद भोग के बारे में
इस लेख में जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय भोगों के बारे में बताया गया है, जिन्हें अर्पित कर आप भगवान को प्रसन्न कर सकते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन बड़े ही धूमधाम से भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान कृष्ण को कौन-कौन से भोग सबसे ज्यादा पसंद हैं? इस लेख में हम आपको बताएंगे भगवान कृष्ण के मनपसंद भोगों के बारे में, जिन्हें अर्पित कर आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।
माखन-मिश्री
भगवान कृष्ण का सबसे पसंदीदा भोग है माखन और मिश्री। जब वे छोटे थे, तब वे अपने दोस्तों के साथ माखन चुराने के लिए मशहूर थे। माखन और मिश्री का भोग उन्हें इसलिए प्रिय है क्योंकि यह उनकी बाल लीला की याद दिलाता है। इसे बनाने के लिए ताजे दूध से बने माखन में थोड़ी सी मिश्री मिलाएं और भगवान को अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस भोग से भगवान कृष्ण अति प्रसन्न होते हैं।
मखाने की खीर
मखाने की खीर भी भगवान कृष्ण को बेहद प्रिय है। मखाने को दूध में उबालकर उसमें शक्कर, इलायची, और केसर मिलाकर खीर बनाई जाती है। इसे जन्माष्टमी के दिन बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। खीर का यह भोग खासकर इसलिए बनाया जाता है क्योंकि यह पौष्टिक होता है और इसे भगवान के बाल स्वरूप को समर्पित किया जाता है।
पंजीरी प्रसाद
पंजीरी भगवान कृष्ण का प्रिय प्रसाद माना जाता है। इसे गेंहू के आटे, घी, और शक्कर से तैयार किया जाता है। इसमें सूखे मेवे भी मिलाए जाते हैं, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। पंजीरी को भगवान को अर्पित करने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
फल और मिठाई
भगवान कृष्ण को ताजे फलों का भोग भी बहुत प्रिय है। आप उन्हें केला, सेब, अंगूर, और अनार जैसे फलों का भोग चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, लड्डू, पेड़ा, और गुलाब जामुन जैसी मिठाइयां भी भगवान कृष्ण को अर्पित की जा सकती हैं। मिठाई का भोग उनके मिठास से भरे व्यक्तित्व को दर्शाता है।
चूरमा
चूरमा एक पारंपरिक भोग है जो आटे से तैयार किया जाता है। इसे घी में भूनकर शक्कर और सूखे मेवे मिलाए जाते हैं। चूरमा का भोग भगवान को चढ़ाने से जीवन में मिठास और सुख की प्राप्ति होती है।
दूध और दही
दूध और दही भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय हैं। जन्माष्टमी के दिन इनका भोग विशेष रूप से अर्पित किया जाता है। इसे दूध और दही के साथ माखन मिलाकर भगवान को चढ़ाया जाता है। यह भोग भगवान के ‘गोपाल’ स्वरूप का प्रतीक है, जिसमें वे गौ पालन करते थे और ग्वालों के साथ माखन और दही का आनंद लेते थे।
भगवान को भोग अर्पित करने का सही तरीका
भगवान कृष्ण को भोग चढ़ाने से पहले उन्हें स्नान कराएं और साफ वस्त्र पहनाएं। फिर उन्हें रेशम के वस्त्र, फूलों की माला, और मोर पंख से सजाएं। भोग अर्पित करने से पहले तुलसी के पत्तों को भोग के साथ जरूर रखें, क्योंकि बिना तुलसी के भगवान कृष्ण को भोग स्वीकार नहीं होता।