भोपाल। मध्यप्रदेश अपने हीरों की खदानों के लिए जाना जाता है प्रो. चेतन सिंह सोलंकी जैसे हीरे यहाँ पैदा भी होते हैं जो पूरे विश्व में अपना और प्रदेश का नाम रोशन करते हैं। जीते तो सब हैं लेकिन जो दूसरों के लिए जीये, वह सर्वश्रेष्ठ है। ये शब्द मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनर्जी स्वराज यात्रा' के शुभारंभ अवसर पर कही। मुख्यमंत्री ने आज मिंटो हॉल में एनर्जी स्वराज यात्रा' का स्वयं गाड़ी में सवाह होकर विधिवत शुभारंभ किया । इस अवसर पर प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के साथ ही आला अधिकारी एवं एनर्जी स्वराज फाउंडेशन तथा मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के पदाधिकारी मौजूद रहे ।
उन्होंने कहा कि एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के माध्यम से सौरऊर्जा के क्षेत्र में बहुत ही व्यापक और अद्भुत कार्य किया जा रहा है। इसलिए अब आगे से प्रो. चेतन सिंह सौलंकी मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ब्रांड एम्बेसडर होंगे। सीएम चौहान ने कहा कि सोलंकी के त्याग में उनकी पत्नी का अहम योगदान है। सोलंकी एक अच्छा जीवन जी सकते थे, लेकिन वे सभी के लिए जी रहे हैं।
ऊर्जा संसाधन धीरे-धीरे समाप्त हो रहे -
मुख्यमंत्री ने आगे कहा की पृथ्वी के पारम्परिक ऊर्जा संसाधन धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। भावी पीढ़ियों के कल्याण के लिए हमें सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना होगा।पृथ्वी ऊर्जा संसाधन अब धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं। इनसे प्रदूषण भी होता है और जीव-जंतुओं को नुकसान भी होता है। मध्यप्रदेश में हमारी सरकार नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। अनेक ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं जिससे लोगों की जागरुकता इसके प्रति बढ़े।
पानी की सतह पर हम सोलर पैनल लगेंगे -
उन्होंने कहा कि रीवा के गुढ़ में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना 750 मेगावाट की है हम जल्द ही 1000 मेगावाट तक इसे लेकर जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश भविष्य में 10,000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान देगा। उनका कहना था कि हमने आगे सौर ऊर्जा के लिए ओंकारेश्वर क्षेत्र को चिन्हित किया है। सौर ऊर्जा का हम भरपूर दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पानी की सतह पर हम सोलर पैनल लगायेंगे। इससे पानी का वाष्पीकरण भी रुकेगा और बिजली भी मिलेगी।
बता दें की भारत में सौर ऊर्जा निर्माण में मध्य प्रदेश का बहुत बड़ा हिस्सा है। यही कारण है कि आज दुनिया के देशों में सौर ऊर्जा उत्पादन को लेकर शीर्ष के पांच देशों में भारत भी एक है । इसी प्रकार से अन्य छोटेे-बड़े सौर प्लांट मप्र मेें आज संचालित किए जा रहे हैं।