शिवराज सरकार ने कोरोना आपदा के बीच जरुरतमंदों के खातों में पहुंचाए साढ़े छह हजार करोड़

Update: 2020-05-02 12:38 GMT

भोपाल। प्रदेश सरकार कोरोना आपदा की इस घड़ी में किसानों, श्रमिकों, बेसहारा लोगों, गरीबों बुजुर्गों और जरूरतमंदों की लगातार मदद कर रही है।  सरकार ने लॉकडाउन घोषित होने के बाद से डेढ़ महीने में छह हजार पांच सौ करोड़ रुपयों से अधिक की राशि जरुरतमंदों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुंचायी है।

सरकार ने लॉकडाउन शुरू होने के बाद से कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खाते में एक-एक हजार रुपये की राशि भेजी है।इसके बाद निर्माण कार्यों से जुड़े इन सभी मजदूरों के खाते में 177 करोड़ 30 लाख रूपये की राशि ट्रांसफर की गई है। वहीँ किसानों को फसल बीमा का लाभ देने के लिये 2990 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की है। साथ ही किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है।  इसके लिए सरकार ने अबतक किसानों को उनकी उपज के बदले  2000 करोड़ रूपए का भगतन कर दिया है।   सरकार ने राज्य के बाहर देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे ऐसे सभी 20,000 श्रमिकों के खाते में 1000 रुपये के मान से कुल दो करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। प्रदेश में अन्य 22 राज्यों के फँसे 7000 प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये एक हजार रुपये के मान से सहायता राशि पहुँचाई गई है।

प्रदेश सरकार ने महामारी की विपत्ति में बेसहारा, बुजुर्गों आदि को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 562 करोड़ रुपये की राशि 46 लाख हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है। इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन आदि का अगले दो माह का भुगतान भी शामिल है।

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार बच्चों और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के 117 करोड़ और योजना में कार्यरत 2 लाख 10 हजार रसोइयों के खाते में 42 करोड़ 3 लाख 8 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। इसी तरह, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में 52 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में 430 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है।

लॉकडाउन की अवधि में जिलों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिये सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक जिले को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2-2 करोड़ रुपये की राशि इस काम के लिये दी गई है। यह राशि राहत शिविरों और भोजन व्यवस्था आदि के लिये दी गई है। इसके अतिरिक्त, लॉकडाउन में आम आदमी को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिये जिलों को कम से कम एक एक करोड़ रुपयों केे मान से कुल 156 करोड़ रूपये दिए गए हैं।

कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों और असहायों के लिये भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के लोगों के बैंक खातों में भी दो माह की अग्रिम सहायता राशि समय पर पहुंचा दी गयी है। अन्य जरुरतमंदों को भी सहायता पहुंचायी जा रही है।



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