आयकर-लोकायुक्त छापों की कहानी: क्या संबंध हैं राजेश शर्मा, सौरभ शर्मा, चेतन गौर के बीच....!

रातीबड़ के जंगल में लावारिस कार में मिला 52 किलो सोना, करोड़ों की नकदी। पुलिस को लावारिस मिली ग्वालियर में पंजीकृत कार, आयकर ने की कार्रवाई, लोकायुक्त छापे से संबंध नहीं…

Update: 2024-12-21 06:30 GMT

भोपाल। दो दिन से भोपाल में चल रहे आयकर और लोकायुक्त के छापों के बाद रातीबड़ के मेंडोरा-मेंडोरी के जंगल में अकूत संपत्ति वालों ने आयकर-लोकायुक्त के डर से करोड़ों का सोना-नकदी लावारिस फेंक दिया। 52 किलोग्राम सोना और आधा दर्जन बैगों में करोड़ों की नोटों की गड्डियां लावारिस कार में फेंक दिए।

पुलिस ने कार में सोना और नकदी मिलने की सूचना आयकर को दी और दोनों की मौजूदगी में सोना-नकद राशि की गिनती हुई, लेकिन लावारिस सोना-नकदी के मालिक का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।

आयकर सूत्रों के अनुसार विभाग के अधिकारियों को रात को सूचना मिली थी कि जंगल में एक कार में कैश रखा है, जिसे कहीं ले जाया जा रहा है। इसके बाद टीम गुरुवार की रात में करीब दो बजे मेंडोरा- मेंडोरी पहुंची। जंगल में इनोवा कार के पास पहले से करीब 100 पुलिसकर्मी और 30 गाड़ियां मौजूद थीं। संभवत: पुलिस को भी इसके बारे में सूचना मिली होगी। आयकर की टीम ने कार की सर्चिंग की तो नकदी के साथ सोना भी मिला।

जिस इनोवा कार में सोना और नगदी मिली, वह लॉक थी। आयकर टीम ने साथी गनमैन की बंदूक के बट से कार का कांच तोड़ा और गेट खोलकर बैग निकाले। इन बैग में भारी मात्रा में कैश और गोल्ड मिला।

लोकायुक्त के छापे से जुड़े व्यक्ति का संबंध

इस मामले में लोकायुक्त पुलिस के डीजी जयदीप प्रसाद का कहना है कि लावारिस कार में मिले सोने और नगद राशि से लोकायुक्त की कार्रवाई का कोई संबंध नहीं है। लेकिन कार जिस व्यक्ति की बताई जा रही है, वह लोकायुक्त द्वारा गुरुवार को मारे गए छापे से संबंधित व्यक्ति सौरभ शर्मा से जुड़ा है। यह गाड़ी ग्वालियर आरटीओ में पंजीकृत एमपी 07 बीए 0050 चेतन गौर के नाम से पंजीकृत बताई जा रही है।

गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ने जिस परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां छापा मारा था, उससे भी चेतन गौर के संबंध रहे हैं। बताया जा रहा है कि जब आयकर विभाग के अफसरों ने चेतन गौर से इस मामले में पूछताछ की तो उसने कहा कि सोना और पैसा कहां से आया और किसका है, उसे जानकारी नहीं है। उसने ये जरूर माना कि वह आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का दोस्त है।

इधर राजनीति भी शुरू

आयकर कार्रवाई में बड़ी मात्रा में सोना और नगदी मिलने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर लोकायुक्त के छापे व रातीबड़ के मेंंडोरा-मेंडोरी के जंगल में 52 किलो सोना-10 करोड़ नकदी मिलने पर कहा है कि मध्यप्रदेश की पहचान भ्रष्टाचार से होने लगी है।

उन्होंने कहा कि पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के घर लोकायुक्त छापे में 1.15 करोड़ नकदी, आधा किलो सोना, हीरे-सोने के 50 लाख के जेवरात, अचल संपत्ति के दस्तावेज और चांदी की सिल्लियां मिलना भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार होने के प्रमाण हैं। मध्य प्रदेश में अंधेर नगरी, मुखियामौन।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि 52 किलो सोना तो बहुत छोटा मामला है। यदि गहराई से पड़ताल की जाए तो सोना किलो में नहीं, क्विंटलों में मिलेगा।

सिंघार ने कहा कि सब जानते हैं बिल्डर राजेश शर्मा किसके खास थे। उन्होंने उन्हें पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस का करीबी बताया। सिंघार ने कहा कि जांच एजेंसियां छोटी मछलियों के बजाय बड़ी मछलियां पकड़े। 5-10 करोड़ से क्या होता है? भोपाल में इनकी बेनामी रूप से हजारों करोड़ की जमीनें हैं। इसकी जांच होना चाहिए।

इधर, नेता प्रतिपक्ष के बयान पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को अर्नगल आरोप लगाने की आदत है। लेकिन भाजपा के शासन में एजेंसियां कितनी सक्रिय हैं, ये उसका प्रमाण है। चाहे ईडी हो या आईटी हो, कोई कसर नहीं छोड़ रही। जीरो टॉलरेंस पर काम करने के लिए मोदी जी के स्पष्ट निर्देश हैं।

भोपाल के जंगल में मिली लावारिस कार ग्वालियर के चेतन गौर की

ग्वालियर, न.सं.। भोपाल में रियल स्टेट कारोबारी राजेश शर्मा के यहां आयकर और उसके एक दिन बाद परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त की रेड के बाद इन दोनों मामलों में ग्वालियर का नाम उछला है। इनमे राजेश शर्मा के नजदीकी रामवीर सिकरवार पुत्र जेसी सिकरवार के रमटापुरा कोटा वाला मोहल्ला के यहां भी छापा डला। चूंकि गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात भोपाल के सूनसान क्षेत्र में एमपी 07 बीए 0050 से 52 किलो सोना और 11 करोड़ नगद बरामद किए गए हैं।

यह वाहन ग्वालियर के लक्कडख़ाना निवासी चेतन सिंह गौर पुत्र प्रताप सिंह गौर का निकला है। बताया गया है कि चेतन गौर भी परिवहन विभाग में दलाली कर अकूत संपत्ति हासिल कर चुका है। चूंकि 52 किलो सोना और नगदी पकड़े जाने के बाद किसी ने इसे अपना नहीं बताया है ऐसे में चेतन से गहन पूछताछ के बाद ही इसकी सही जानकारी सामने आ पाएगी। यहां लक्कड़ खाना में उसका आलीशान मकान है।

साथ ही सेन्ट्रल बैंक भी इसी जमीन पर बताया गया है। इस संवाददाता ने मौके पर जाकर देखा तो मकान में लाइट जल रही थी लेकिन घंटी बजाए जाने पर कोई दरवाजा खोलने नहीं आया। मकान के बाहर तीन लग्जरी वाहन भी खड़े हुए थे। सूत्रों का कहना है कि सौरभ का नाता चेतन गौर से रहा है। यह दोनों ही ग्वालियर में दलाली करने के बाद भोपाल जा पहुंचे और परिवहन सहित अन्य मंत्रालयों में घुसपैठ के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों संपर्क साधकर अकूत संपत्ति अर्जित करने में कामयाब हो गए। इस तरह भोपाल के छापों का सीधा कनेक्शन ग्वालियर से पाया गया है।

हालांकि आयकर विभाग ने सिर्फ रामवीर सिकरवार के यहां ही छापा डालकर दस्तावेज जप्त किए। हालांकि अभी तक सौरभ के ग्वालियर स्थित आवासों पर कोई कार्रवाही नहीं हुई है। वहीं चेतन गौर के यहां भी कोई जांच कंपनी नहीं पहुंची है।

सौरभ का है बड़ा साम्राज्य

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का ग्वालियर में बड़ा साम्राज्य है। उसके सिटी सेंटर और विनय नगर में आलीशान मकान के अलावा ऑफिस भी हैं। अनुकंपा नियुक्ति मिलने के बाद उसने परिवहन विभाग चेक पोस्ट और अन्य मलाईदार पदों पर पदस्थापना के लिए जमकर दलाली करते हुए अपनी काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया। अब वह रियल स्टेट कारोबारी भी बन चुका है। भोपाल में लोकायुक्त पुलिस द्वारा उसके बारे में गहन छानबीन की जा रही है। खबर है कि उसने 2017 से 2023 तक परिवहन विभाग में नौकरी की और फिर छोड़ दी। उसके पत्नी के साथ दुबई में रहने की खबर है।

इनका कहना है

भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां छापे में करोड़ों नगदी और उसके बाद एक वाहन में 52 किलो सोना मिलने के मामले में भोपाल में कार्यवाही संचालित है। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस से इस बारे में कोई इनपुट नहीं लिया गया है।

राजेश मिश्रा

अधीक्षक लोकायुक्त पुलिस 

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