शिवराज सरकार बदलेगी कमलनाथ सरकार का एक और फैसला,निकाय चुनावों में होगा बड़ा बदलाव

Update: 2020-06-23 08:03 GMT

निकाय   प्रदेश में शिवराज सरकार ने पिछली कमलनाथ सरकार का एक और बड़ा फैसला निर्णय कर लिया है। जिसमें महापौर और अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था।  इस फैसले को बदलने के लिए सरकार मानसून सत्र में संशोधन विधेयक लाने का फैसला किया है।  

प्रदेश मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सचिव समिति की बैठक में जुलाई में संशोधन विधेयक लाने की अनुमति नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दी है। इसके साथ ही चुनाव से छह महीने पहले तक ही वार्डों का परिसीमन भी हो सकेगा।इस बदलाव के बाद चुनावों में दो बैलेट यूनिट चुनाव प्रक्रिया का प्रयोग होगा। एक बैलेट यूनिट में पार्षद और दूसरे में महापौर के लिए मतदान होगा। वही कंट्रोल यूनिट एक ही रहेगी। नगरीय निकाय व्यवस्था के वही बदले हुए स्वरूप को एक बार फिर से पुराने स्वरूप में लाने के लिए शिवराज तैयार है

बता दें कि  कमल नाथ सरकार ने सितंबर 2019 में नगर पालिक विधि अधि‍नियम में संशोधन करके नगर निगम के महापौर और नगर पालिक व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था।  जिसके तहत चुने हुए पार्षद ही महापौर और अध्यक्ष का चुनाव करते। इसके लिए सरकार ने पहले अध्यादेश और फिर विधानसभा में दिसंबर 2019 में विधेयक के जरिए नए प्रावधानों को लागू किया गया। जिसका भाजपा ने इसका विरोध किया था।  


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