कमलनाथ ने कांग्रेस नेता की जगह बागी को सौंपी भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी, भाजपा ने कसा तंज
भोपाल। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मप्र में प्रवेश करने वाली है। यात्रा को लेकर कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है। इस बीच कमलनाथ ने खंडवा और बुरहानपुर में भारत जोड़ो यात्रा का प्रभार अरुण यादव से छिनकर निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा को यात्रा प्रभारी बना दिया है। कमलनाथ के इस निर्णय पर भाजपा को हमला करने का मौका मिल गया है। भाजपा नेता पूरे मामले पर खूब बयानबाजी कर रहे हैं।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो कांग्रेस तोड़ो यात्रा है, खंडवा बुरहानपुर का प्रभार शेरा को दिया है, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि हे कमलनाथ, यदुवंशियों से इतनी दूरी क्यों? उन्होंने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से ही आदिवासी व ओबीसी वर्ग के नेताओं को अपमानित कर उनका हक मारती आयी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव का इस तरह अपमान करना कांग्रेस के लिए कोई नई बात नही है। नेताओं के अपमान का पूरा इतिहास है। इससे पहले अरुण यादव का लोकसभा टिकिट ऐन वक्त पर काट दिया, जबकि वह लंबे समय से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले उनके पिता सुभाष यादव जी के साथ भी कांग्रेस ने अन्याय किया था, वह मुख्यमंत्री बनने के प्रबल दावेदार थे। विधायकों का बहुमत भी उनके साथ था लेकिन उनकी जगह दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया गया था।
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने आज तक ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय ही किया है। आज तक कांग्रेस ने एक भी ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को प्रदेश का सीएम नही बनाया। यहाँ तक की नेता प्रतिपक्ष तक भी नहीं बनाया। ओबीसी ही नही आदिवासी वर्ग के साथ भी आज तक अन्याय ही किया है। स्व. श्रीमती जमुना देवी, शिवभानू सिंह सोलंकी सहित कई अन्य नेता इसके उदाहरण हैं।
कमलनाथ ने सबकी सुपारी ले ली है -
वहीं इस पूरे मामले पर मंत्री विश्वास सारंग ने तंज कसते हुए कहा कि गुटों में बंटी हुई कांग्रेस तार-तार हो गई है। कमलनाथ ने सबकी सुपारी ले ली है। राहुल गांधी सबसे पहले सिख दंगों को लेकर माफी मांगें और कमलनाथ को कांग्रेस पार्टी से निकालें। कमलनाथ ने कई नेताओं की जमीन समाप्त कर दी। अरुण यादव को पहले लोकसभा का चुनाव टिकट नहीं दिया। उनकी बेइज्जती करते हुए यात्रा से बाहर कर दिया. कांग्रेस में सब कुछ खराब चल रहा है।