कला मनुष्य को संवेदनशील बनाती है। साथ ही हमारे सर्वांगीर्ण विकास में योगदान देती है: पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर

राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय का 16वाँ स्थापना दिवस शनिवार को मनाया गया। समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर उपस्थित रहे।

Update: 2023-08-19 13:33 GMT

ग्वालियर। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय का 16वाँ स्थापना दिवस शनिवार को मनाया गया। स्थापना दिवस समारोह को प्रदेश के राज्यपाल  मंगुभाई पटेल ने वर्चुअल रूप से संबोधित किया। संगीत विश्वविद्यालय के सभागार में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री  उषा ठाकुर के मुख्य आतिथ्य व सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर ने की।

अपने वर्चुअल संदेश के जरिए राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष  मंगुभाई पटेल ने कहा कि अपना प्रदेश महान कलाकारों की धरती है। इस धरती ने ऐसे महान कलाकार दिए हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय पटल पर देश का नाम रोशन किया है। साथ ही कहा यह विश्वविद्यालय संगीत एवं कला के क्षेत्र में प्रदेश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। इसमें युवाओं को संगीत एवं कला की शिक्षा के माध्यम से हमारी संस्कृति से भी परिचित कराया जा रहा है। उन्होंने 16वे स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों व आचार्यों को बधाई दी। साथ ही कहा कि आने वाली पीढ़ी को भारतीय परंपरा और संस्कृति के बारे में बार-बार बताते रहें, ताकि नई पीढ़ी हमारी गौरवशाली परंपरा से परिचित होकर योग्य नागरिक बन सके।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. के. रत्नम, साधारण परिषद के सदस्य  अतुल अधोलिया,  चंद्रप्रताप सिकरवार और अनीता करकरे विशेष तौर पर मौजूद रहे। विवि की ओर से वित्त नियंत्रक  दिनेश पाठक व सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष प्रो. रंजना टोणपे सहित कर्मचारीगण और छात्रगण मौजूद रहे।

संगीत विश्वविद्यालय के विकास में प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग देगी –  उषा ठाकुर

संस्कृति मंत्री  उषा ठाकुर ने स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि कला मनुष्य को संवेदनशील बनाती है। साथ ही हमारे सर्वांगीर्ण विकास में योगदान देती है। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय इसी भाव के साथ भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर भरोसा दिलाया कि ग्वालियर के संगीत एवं कला विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में सरकार हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने कहा जल्द ही अधोसंरचनागत कार्य और पदों की स्वीकृति सहित विश्वविद्यालय की सभी मांगें पूरी की जायेंगीं। इनकी स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

अपने घर की बैठक में क्रांतिवीरों के चित्र लगाएँ

 उषा ठाकुर ने इस अवसर आह्वान किया सभी संकल्प लें कि अपने घरों में देश की आजादी के नायकों के चित्र लगाएंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी क्रांतिवीरों के बारे में जान सके। साथ ही उनके भीतर राष्ट्रभक्ति की भावना मजबूत हो सके। नई शिक्षा नीति में हम अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को पढेंगे, जिससे आने वाली पीढ़ी उसके माध्यम से हमारे महान क्रांतिकारियों के बारे में जान सके। 

उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. के. रत्नम ने कहा कि वैश्विक पटल पर भारत ही ऐसा देश है जिसके शास्त्रों में संगीत का वर्णन है। किसी भी घटना के संबंध में टाइम फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमारे देश की संस्कृति और इतिहास की वास्तविकता पढने को मिलेगी, जो आने वाली पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।

राग मधु मल्हार में अद्भुत बांसुरी वादन

स्थापना दिवस समरोह में दिल्ली से पधारे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक पं. चेतन जोशी के बाँसुरी वादन ने समा बांध दिया। राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पं. जोशी ने इस अवसर पर कहा कि संगीत को समझने की नहीं वरन उसे अनुभव करने की जरूरत है। उन्होने अपने बांसुरी वादन का प्रारंभ राग मधु मल्हार में आलाप जोड़ तथा झाला से किया।



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