डिजीटल अरेस्ट: बीएसएफ इस्पेक्टर को एक माह तक बंधक बनाकर 71 लाख ठगे, अपराध शाखा में फरियादी ने कराई प्राथमिकी…

Update: 2025-01-07 06:03 GMT

ग्वालियर, न.सं.। बीएसएफ इस्पेक्टर को डिजीटल अरेस्ट कर 71 लाख रुपए ठगी का मामला प्रकाश में आया है। इस्पेक्टर को मुम्बई अपराध शाखा से फोन करने वाले ठग ने मनी लॉड्रिंग के प्रकरण में गिरफ्तारी वारंट का झांसा देकर ठगों ने खातों में रुपए ट्रांसफर करवाए।

एक माह तक ठग लगातार इस्पेक्टर के सम्पर्क में बने रहे और इस दौरान उन्होंने फरियादी का विश्वास जितने के लिए 94 हजार रुपए उसके खाते में वापस भी भेजे। 71 लाख रुपए भेजने के बाद इस्पेक्टर को संदेह हुआ तो उसने अपने बेटे को घटना के बारे में बताया।

बेटे ने सायबर सेल में आनलाइन शिकायत की और सोमवार को वह पिता को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। मूलत: उत्तरप्रदेश मऊ फतेहपुर के मांडव गांव निवासी अबसार अहमद पुत्र स्व. अब्दुल बारी 59 वर्ष भारतीय सीमा सुरक्षा बल में इस्पेक्टर हैं और इस समय टेकनपुर ग्वालियर में पदस्थ हैं। अबसार अहमद के मोबाइल पर 2 दिसम्बर 2024 को 11:29 मिनट पर 7751097412 से व्हाटसप पर वीडियो कॉल आया।

फोन करने वाले ने इस्पेक्टर से बोला कि वह मुम्बई अपराध शाखा बोल रहा हूँ। आपके खिलाफ मनी लान्ड्रिग के प्रकरण में गिरफ्तारी वारंट है। साथ ही आपके मोबाइल नम्बर 922133467 जो आपके नाम पर है इस पर भी कई प्रकरण चल रहे हैं।

मुम्बई अपराध शाखा से बात करने वाले ठग ने इस्पेक्टर से कहा कि आपके साथ आपके परिवार को भी गिरफ्तार किया जाएगा। अबसार अहमद मनी लान्ड्रिंग और प्रकरण चलने की सुनकर परेशान हो गए और वह ठगों की बातो में आ गए।

शातिर ठगों ने इस्पेक्टर को डिजीटल अरेस्ट कर उनसे पैसों की मांग की। ठगों ने कहा कि 15 लाख रुपए दे दो और जब प्रकरण का निराकरण हो जाएगा पूरी रकम वापस कर दिया जाएगा।

इस्पेक्टर ठगों की बातों में आ गए और फिर जैसा वह कहते गए वह रुपए उनको ट्रांसफर करते गए। अपने खाते से ठगों को 15 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से भेजे। ठगों ने अलग अलग खातों में रकम जमा कराई। 31 दिसम्बर तक इस्पेक्टर से ठगों ने डरा धमकाकर अपने खातों में 71 लाख 24 हजार 988 रुपए यूपीआई व आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवाए।

लाखों रुपए देेने के बाद ठगों ने 94 हजार 998 रुपए इस्पेक्टर के खाते में वापस कर दिए। ठगी के शिकार अबसार अहमद को संदेह हुआ तो बेटे अशरफ को आपबीती सुनाई। पिता पुत्र सोमवार को ग्वालियर अपराध शाखा सायबर सेल कार्यालय पहुंचे। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 318(4) 308(2) 66डी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।

29 दिन में जमीन बेचकर लिया एडवांस

इस्पेक्टर को ठगों ने इस कदर डरा धमका दिया था कि उन्होंने अपनी जमीन भी बेच दी और जो लाखों रुपए एडवांस मिला था उसे भी ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। 29 दिनों तक ठग लगातार उनको वीडियो कॉल के माध्यम से डरा धमकाते रहे। इस्पेक्टर इस कदर तनाव में आ गए थे कि जैसा ठग कहते जा रहे थे वह उनको खातों में रकम भेज रहे थे।

परिवार वालों व दोस्तों से भी लिए रुपए

अबसार अहमद स्वयं व परिवार के गिरफ्तार की कहने पर इस कदर भयभीत हो गए थे कि जब उनके खाते से रकम खत्म हो गई तो उन्होंने अपने परिजनों व दोस्तों से पैसे उधार मांगना शुरु कर दिए। ठग उनसे जैसा कहते गए वह उनके कहे अनुसार वैसा ही करते गए।

इस दौरान ठग नकली वर्दी पहने हुए किसी कमरे में बैठकर उनको गिरफ्तार करने की धमकी देते रहे। जब भी वह धमकी देते वह रुपयों का इंतजाम कर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर देते थे। एक बार भी उनको नहीं लगा कि वह किसी नकली व्यक्ति से बात कर रहे हैं। 

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