Tansen Samaroh 2024: ग्वालियर में बजी संगीत की सरगम, 546 कलाकारों ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, सीएम ने कहा- तानसेन को सच्ची आदरांजलि...
Tansen Samaroh 2024 News : ग्वालियर में आयोजित तानसेन संगीत समारोह रविवार को बेहद सफल रहा। यहां 100वें तानसेन संगीत समारोह का शुभारंभ हुआ। इस दौरान 546 कलाकारों ने 9 शास्त्रीय वाद्यों पर एक साथ राग मल्हार, मियां की तोड़ी और दरबारी कान्हड़ा बजाकर रिकॉर्ड बनाया। इतना ही नहीं, इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया।
इस शुभ अवसर पर मोहन यादव (Dr. CM Mohan Yadav) ने कहा, "गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज संगीत साधकों की प्रस्तुति संगीत सम्राट तानसेन को सच्ची श्रद्धांजलि है। यूनेस्को सिटी ऑफ म्यूजिक ग्वालियर में संगीत विरासत को संजोने का यह अद्भुत प्रयास है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में संगीत का विशेष महत्व है। महर्षि पतंजलि ने मानव शरीर में पांच प्राणों - प्राण, अपान, उदान, व्यान, समान तथा पांच उपप्राण शक्तियों - नाग, कूर्म, देवदत्त, कृकल और धनंजय का वर्णन किया है। संगीत इन सभी प्राणों में चेतना जागृत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा- संगीत सम्राट तानसेन ने शास्त्रीय संगीत की साधना करके अपना जीवन सार्थक किया। उनके शहर ग्वालियर में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने से प्रदेश के कला साधकों का मनोबल बढ़ेगा और उन्हें संगीत की परंपरा को आगे बढ़ाने की प्रेरणा भी मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि सुरों की साधना को समर्पित सामूहिक प्रस्तुति में देश और प्रदेश के 546 कलाकारों ने एक साथ 9 शास्त्रीय संगीत वाद्य बजाए। इसमें 347 पुरुष और 189 महिला कलाकार शामिल हुईं। सामूहिक प्रस्तुति के माध्यम से स्वर सम्राट तानसेन को स्वर्णजलि अर्पित की गई। यह प्रस्तुति तानसेन द्वारा रचित तीन रागों पर आधारित थी, जिसमें मल्हार, मियां की तोड़ी और दरबारी कान्हड़ा शामिल हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज
इस प्रदर्शन का आयोजन प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार ने किया था। इस सामूहिक प्रदर्शन में गायन के साथ-साथ वाद्य यंत्र भी शामिल थे। इतना ही नहीं, लगातार 9 मिनट तक वाद्य यंत्र बजाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना।
तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष की शुरुआत रविवार को तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन के साथ हुई। समारोह की पारंपरिक शुरुआत सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा और मिलाद पाठ से हुई। शाम 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए ऐतिहासिक महेश्वर किले की थीम पर बनाए गए भव्य मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समारोह का औपचारिक उद्घाटन किया। इसके बाद संगीतमय कार्यक्रम शुरू हुए।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया कार्यक्रम में हुए शामिल
कार्यक्रम में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री एवं ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला, स्थानीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी मौजूद थे।