मौसम में ठंडक आते ही बढऩे लगे सांस के रोगी

Update: 2020-10-14 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। ठंड का मौसम जितना सुहावना और सेहत के लिए फायदेमंद होता है अस्थमा के मरीजों के लिए उतना ही नाजुक समय होता है। इसलिए मौसम में ठंडक आते ही इन दिनों सांस व एलर्जी के रोगियों की संख्या में भी इजाफा होना शुरू हो गया है। खासतौर से सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमनरी डिजीज) के मरीज अचानक काफी तेजी के साथ बढ़े हैं। जयारोग्य चिकित्सालय के आईसीयू में सीओपीडी के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।

मौसम ठंडा होते ही इसका सीधा असर हृदय, अस्थमा, सांस आदि विभिन्न रोगियों पर देखने को मिल रहा है। सांस के पुराने रोगी जहां अधिक परेशान हो रहे हैं वहीं नए रोगी भी उपचार के लिए चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। शासकीय व निजी अस्पतालों की बात करें तो 20 से 30 प्रतिशत मरीज सांस व एलर्जी के पहुंच रहे हैं। इनमें से कई मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। यह संख्या सर्दी बढ़ते ही अचानक बढ़ी है। सामान्य तौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र पर इस बीमारी का हमला होता है। इन मरीजों को धूल, धुआं और सर्दी से संक्रमण के कारण फेफड़ों में आने वाली रुकावट के चलते सांस लेना भारी पड़ता है।

सुबह जल्दी व देर रात तक न निकले बाहर

अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक चोपड़ा ने बताया कि इस मौसम में अस्थमा व एलर्जी के रोगियों में इजाफा हो रहा है। इसलिए अस्थमा के रोगी सुबह जल्दी और देर रात को घर से न निकलें। उन्होंने यह भी बताया कि अस्थमा के रोगियों को सबसे ज्यादा कोरोना का खतरा होता है। क्योंकि अगर अस्थमा रोगी कोरोना संक्रमित हो गए तो उनके फेंफड़ों में बहुत ज्यादा संक्रमण फैल जाता है। इसलिए अस्थमा रोगियों को भीड़-भाड़ में जाने से भी बचना चाहिए।

यह बरतें सावधानी

* खांसी-जुकाम प्रभावित लोगों के संपर्क में न रहें।

* धूम्रपान और अधिक धुआं वाली जगह से परहेज करें।

* सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों और नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें।

* नियमित व्यायाम करें और शुद्ध वातावरण में रहें।

* हरी सब्जियों और पोष्टिक आहार का सेवन करें।

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