ग्वालियर : "कोई भूखा ना रहें, कोई भूखा ना सोये " इस भावना से गरीबों में खाना खिला रहे समाजसेवी
केटरर्स क्रॉकरी हलवाई व्यावसायिक संघ रोजाना 5000 लोगों को खाना खिला रहा है
ग्वालियर। कोरोना आपदा को रोकने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित किया गया है।जिसके कारण गरीब मजदूरों को काम ना मिलने की वजह से भूखें रहने स्थिति उत्पन्न हो गई। ।जिसके बाद जरूरतमंदों को भोजन कराने वाले दिल खोलकर सामने आ रहे हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुछ स्थानों पर बीच में स्टूल या मेज लगाकर उस पर रखकर लंच पैकेट दिए जा रहे हैं। इन्हें समाजसेवी और पुलिस वाले गांवों और गलियों तक जाकर वितरित कर रहें हैं।
28 दिन पहले 23 मार्च की रात देश में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही केटरर्स क्रॉकरी हलवाई व्यावसायिक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने गरीबों को निरंतर भोजन कराने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी इच्छा संघ के सदस्यों के सामने रखी जिसके बाद सभी के सहयोग से यह सेवा कार्य शुरू हुआ है। जोकि अब तक जारी है। राजेंद्र गुप्ता ने बताया की लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों एवं शहरों से काम के लिए ग्वालियर आये मजदूरों के सामने पैसा और राशन ना होने की वजह से भूखे सोने की नौबत आ गई थी। जब हमें इसकी जानकारी मिली तो हमने सभी मजदूरों के लिए दोनों समय भोजन की व्यवस्था करने की ठानी और इस कार्य को शुरू किया।
संघ के सचिव प्रदीप जैन ने बताया की मेरे शहर में कोई भूखा नहीं सोये, भूखा नहीं रहें इस सोच के साथ संघ के सभी पदाधिकारी गण सहयोग कर रहें हैं। उन्होंने बताया की हमारी योजना 3 मई तक इस सेवा को जारी रखने की है। इसके अलावा यदि देश में लॉकडाउन बढ़ता है, तब हम इसे आगे की अवधि में भी जारी रखने का प्रयास करेंगे।
सचिव ने बताया की गरीबों तक समय रहते भोजन पहुँचाया जा सकें इसके लिए सुबह से ही भोजन बनना शुरू हो जाता है। 50 लोग मिलकर पांच हजार लोगों के लिए खाने के पैकेट तैयार करते हैं। उन्होंने बताया की कोरोना आपदा के चलते सरकार द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के दिए गए निर्देशों का पालन किया जाता हैं। सभी लोग मास्क पहनकर खाना बनाते हैं एवं खाना पकाने से पहले सभी के हाथों को सेनिटाइज कराया जाता है। इसके साथ ही साफ़-सफाई का भी विशेष ध्यान दिया जाता हैं। खाना पकाने के बर्तनों से लेकर उसे पकाने के स्थान को भी सुबह- शाम खाना बनने के बाद एवं उसके पहले सेनिटाइज किया जाता हैं।
खास बात यह है की मजदूरों के साथ संघ के अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता एवं उनका इंजीनियर बेटा देवांश गुप्ता भी अपने हाथों से लोगों के लिए खुद ही खाना तैयार कर रहें हैं। देवांश ने बताया की वह इलेक्ट्रकल इंजीनियर है और इस समय लॉकडाउन के चलते खाली बैठा था। इसलिए मैं भी लोगों के लिए खाना पकाने के कार्य में जुटा हुआ हूँ। उसने बताया की हम लोग गरीबों के लिए अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाना और उसके बाद उनके चेहरों पर जो मुस्कान आती हैं, उससे बहुत ख़ुशी मिलती हैं।
संस्था द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्र शंकरपुर, गोकुलपुरा, बरा,जेबरा, गुप्तेश्वर पहाड़ी, जयारोग्य अस्पताल, गजराराजे मेडिकल कॉलेज, गोरखी स्कूल अदि स्थानों पर जहां गरीब मजदूर रह रहें हैं। उन सभी तक नियमित रूप से भोजन पहुँचाया जा रहा है। इस पुनीत कार्य में संघ के सदस्य विचित्र गुप्ता, विवेक छेड़ा, बृजेश गुप्ता, संजय गोयल, महेश कुकरेजा, गिर्राज भक्त मंडल आदि आर्थिक एवं अन्य सभी प्रकार से सहयोग कर रहें हैं।