केन्द्र पोषित एफ़पीओ एवं नाबार्ड की परियोजनाओं की हुई समीक्षा, किसानों को दिलाएंगे लाभ
जिला पंचायत सीईओ ने दिए निर्देश जिले के अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित कराएँ
ग्वालियर। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा संचालित किसान उत्पादक समूहो की जिला निगरानी समिति की बैठक शनिवार को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में केन्द्रीय पोषित योजना 10,000 FPOs के क्रियान्वयन एवं नाबार्ड की परियोजनाओ व एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने जिले के अधिकाधिक किसानों को इन योजनाओं से लाभान्वित कराने के निर्देश दिए।
इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, आलू की मुख्य कंपनी एसवी एग्री एवं ग्वालियर की अराइज़ संस्था के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्वालियर जिलें में प्रसंस्करण किस्म के आलू की खेती को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत जिले में 10 गावों में आलू की किस्मों के डेमो यूनिट, 1000 किसानों को ट्रेनिंग एवं अच्छी किस्म की बीज की उपलब्धता करवाना है।
बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक धर्मेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि नाबार्ड की माई पैड माई राइट" परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाए सैनिटरि पैड का उत्पादन कर रही है। जिसकी मशीन संभागीय हाट बाज़ार, बैजाताल पर लगी हुई है। मीटिंग मे नाबार्ड द्वारा सुझाव दिया गया की स्वयं सहायता समूहो की बैठको में इन महिलाओ द्वारा सैनिटरी पैड के उपयोग के लाभ पर चर्चा की जानी चाहिए।
कृषि विश्वविध्यालय के इंक्युबेशन सेंटर को जिले के अलग अलग क्षेत्रो में किसानों, विद्यार्थियों एवं नौजवानों के बीज जाकर बैठक कर लोगो को जागरूक करने का प्रयास करें। ग्वालियर कालीन को जीआई टैग दिलवाने पर सराहना की गयी एवं कालीन को बढ़ावा देने के प्रयासो की चर्चा की गयी।
बैठक में बताया गया कि जिले में इस समय केन्द्रीय पोषित योजना 10,000 FPOs के अंतर्गत 8 एफ़पीओ बनाए गए है। सभी संस्थाओ को जमीनी स्तर के किसान सदस्यों को व्यवसाय उन्मुख बनाने पर प्रयास करने चाहिए और अलग अलग समय के लिए लक्ष्य करने चाहिए।
नाबार्ड की ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि (आरआईडीएफ़) के अंतर्गत जिले में हस्तिनापुर में निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और के आवासों के निर्माण पर भी चर्चा की गयी।
बैठक में कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, मंडी बोर्ड, सहकारी विभाग, आजीविका एवं नाबार्ड की सभी प्रमुख संस्थाओ के अधिकारी मौजूद रहे।