ग्वालियर: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जेसी मिल का किया निरीक्षण, कहा - गरीबों का हक दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

Update: 2024-11-11 15:20 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। प्रदेश में सालों से बंद पड़े मिलों के मजदूरों की देनदारियां चुकाने की दिशा में सरकार ने दूसरा बड़ा कदम उठाया है। इंदौर के हुकुमचंद मिल के मजदूरों की देनदारियां देने के बाद सरकार ने अब ग्वालियर के जेसी मिल के मजूदरों का बकाया देने की तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोमवार सुबह ग्वालियर में जेसी मिल का निरीक्षण करने के बाद देनदारियां चुकाने के संकेत दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गरीब, मजदूर, पिछड़ा वर्ग सभी को साथ लेकर चलना चाहती है। हमने निर्णय लिया था कि मजदूरों के हित में हमारा निर्णय होना चाहिए। उस दिशा में हम काम कर रहे है। गरीबों और मजदूरों का हक दिलाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।


हम औद्योगिक निवेश चाहते हैं तो मजदूरों के हित में भी हमारी सरकार सबसे पहले खड़ी है। सबसे पहले जो 7-8 हजार मजदूर हैं, उनके पक्ष में सरकार का भाव है कि उन सबकी मदद करके हम अपने वादे को निभाएं। सरकार द्वारा कोर्ट में भी इस पक्ष को रख रहे हैं। हम उनसे जुड़े हुए जो भी पक्ष है सबके हितों का ध्यान रखते हुए इसका समाधान खोजना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ग्वालियर इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव के दौरान भी जेसी मिल मजदूरों के भुगतान की बात कर चुके हैं।


इतनी हैं देनदारियां

ग्वालियर का जेसी मिल 1991 में बंद हो चुका था। तब मिल में 8037 से ज्यादा मजदूर थे। इनमें से 500 मजदूरों ने कोर्ट में केस लगाया है। जिसमें मप्र सरकार भी पार्टी है। ज्यादातर मजदूर एवं अन्य लोग कोर्ट से केस जीत चुके हैं। बताया गया कि मप्र हाउसिंग बोर्ड करीब 425 करोड़ रुपए मिल मजदूरों के भुगतान के लिए बैंक में जमा करा चुका है। संभवत: इसी साल के अंत में जेसी मिल के मजदूरों को बकाया मिल सकता है।

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