ग्वालियर, न.सं.। जिले में ऐसे कई अस्पताल संचालित हो रहे हैं। जहां न तो पर्याप्त चिकित्सकों की संख्या है और न ही प्रशिक्षित स्टॉफ। उसके बाद भी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। लेकिन अब कोरोना महामारी के बीच निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए अनुमति लेने की बाध्यता खत्म कर दी है। जिस कारण अब ऐसे निजी अस्पताल जहां पर्याप्त संसाधन नहीं है वह मरीजों के साथ जमकर लूट करेंगे।
वर्तमान में जिले में कुछ ही अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर उपचार करने की अनुमति सीएमएचओ द्वारा प्रदान की गई है। इन अस्पतालों ने निजी होटलों को भी किराए पर ले लिया है, जहां कोरोना संक्रमितों को भर्ती कर लाखों रुपए का बिल बना रहे हैं। इसकी शिकायतें भी भोपाल तक जा पहुंची हैं। लेकिन इन निजी अस्पतालों पर कोई लगाम नहीं कसी जा सकी और अब उल्टा सीएमएचओ से कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने की अनुमति लेने की बाध्यता ही खत्म कर दी है। भोपाल स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा प्रदेश के सभी सीएमएचओ को इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इसी के चलते अब ऐसे अस्पताल जहां चिकित्सक की उपब्धता भी नहीं रहती वह भी संक्रमित मरीज को उनकी जेब काटेंगे।
80 प्रतिशत अस्पतालों में नहीं है व्यवस्था
इधर शहर के निजी अस्पतालों की बात करें तो 80 प्रतिशत अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर्याप्त संसाधन ही नहीं है। इतना ही नहीं कई अस्पताल तो ऐसे हैं, जो सिर्फ दलालों के भरोसे ही चल रहे हैं। जहां मरीजों को दलालों के माध्यम से भर्ती कराया जाता है।