ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना वायरस का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है। अब तब जिले में करीब नौ हजार लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। लेकिन बड़ी संख्या में लोग स्वस्थ होकर अपने घरों में लौट चुके हैं। लेकिन ठीक हो चुके लोगों में यह धारणा है कि उन्हें दोबारा संक्रमण नहीं होगा और वह लापरवाही वरतने लगते हैं। जबकि कई ऐसे मरीज भी हैं जो दोबारा कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इसलिए संक्रमित हो चुके मरीजों को अपना और अपने परिवार को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. विजय गर्ग ने बताया कि जो लोग दोबारा संक्रमित पाए गए हैं, जरूरी नहीं कि वह संक्रमित हो ही और दूसरों में संक्रमण फैलाए। इसके पीछे का कारण यह है कि उनके शरीर में एंटीबॉडीज होते हैं जो उन्हें दोबारा कोरोना वायरस की चपेट में आने से रोकते हैं, लेकिन शरीर में डेड कोरोना वायरस होने के कारण संक्रमण निकलता है। उन्होंने बताया कि शरीर में कोरोना का संक्रमण दस दिन तक जिंदा रहता है। इसके बाद करीब 20 दिन तक डेड संक्रमण शरीर में रहता है। इसलिए लोगों को लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
टीका आने तक बरतें सावधानी
इधर चिकित्सकों का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस का टीका नहीं मिल जाता तब तक लोगों को सावधानियों के साथ ही जीना होगा। यदि किसी को सर्दी, जुखाम, बुखार है और सामान्य दवाओं से सही नहीं हो रहा है तो बिना देरी चिकित्सक को दिखाएं।
कोरोना वायरस और इम्युनिटी का संबंध
डॉ. गर्ग के अनुसार किसी भी बीमारी को रोकने में इम्युनिटी अहम भूमिका निभाती है। इम्युनिटी यानी बीमारी से लडऩे की ताकत। यह इम्युनिटी जरूरत के मुताबिक खुद को ढालने में सक्षम होती है। कोरोना वायरस से लडऩे के लिए इम्युनिटी को एंटीबॉडीज की दरकार होती है। यह एंटी बॉडीज बनने में 10 दिन का वक्त लगता है।