सोलर प्लांट से संचालित देश का पहला वैक्सीन हाउस जिले में हुआ तैयार
अधिकारियों का दल करेगा निरीक्षण, सफल हुआ तो अन्य जगहों पर होगा लागू
ग्वालियर, न.सं.। केंद्र सरकार ने बिजली बचाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत सभी सरकारी वैक्सीन हाउस को सोलर पावर प्लांट से चलाने का निर्णय लिया है। इसी के तहत जिले में देश का पहला सोलर पावर प्लांट से संचालित होने वाला वैक्सीन हाउस तैयार हो चुका है। जिसका निरीक्षण 18 अगस्त को अधिकारियों दल करेगा। निरीक्षण के बाद सब सही रहता है तो यह प्रोजेक्ट पूरे देश भर में लागू किया जाएगा।
दरअसल केन्द्र सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश भर के दो वैक्सीन हाउस को चिंहित किया गया था। इसमें स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में बने क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं के वैक्सीन हाउस एवं बिहार के वैक्सीन हाउस को चिंहित किया गया था। लेकिन बिहार के वैक्सीन हाउस में अभी तक सोलर पावर प्लांट नहीं लग पाया है। जबकि जिले में वैक्सीन हाउस में सोलर प्लांट लग कर पूरी तरह तैयार हो चुका है। जिसका निरीक्षण करने के लिए नेशनल कोल्ड चैन रिसोर्स सेन्टर पूना के अलावा दिल्ली व भोपाल के अधिरियों का दल 18 अगस्त को वैक्सीन हाउस पहुंचेगा। अधिकारियों का दल यहां सोलर प्लांट से संचालित होने वाले वैक्सीन हाउस का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट बना कर सौंपी जाएगी। अगर दल को सारी व्यवस्थाएं ठीक मिली तो देश भर के वैक्सीन हाउस में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।
प्रतिवर्ष बचेेंगे डेढ़ लाख
सोलर पावर प्लांट का संचालन अगर ठीक से होता है तो प्रतिमाह 12 हजार बचेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्तमान में प्रतिमाह 24 हजार का बिजली बिल का भुगतान वैक्सीन हाउस का किया जाता है। लेकिन सोलर प्लांट के लगने से यह आधा हो जाएंगा और प्रतिवर्ष डेढ़ लाख तक की वचत होगी।
यूनीसेफ के लगाया है प्लांट
वैक्सीन हाउस में सोलर पावर प्लांट यूनीसेफ कम्पनी द्वारा लगाया गया है। उक्त प्लांट को लगाने में कम्पनी का करीब आठ लाख का खर्चा आया है। यह प्लांट राज्य कोल्ड चैन अधिकारी विपिन श्रीवास्तव के निर्देशन में लग कर तैयार हुआ है।
वैक्सीन हाउस में सोलर पावर प्लांट लगकर तैयार हो चुका है, जिसका ट्रायल रहा है। जिसका निरीक्षण आज अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
अभय कुलश्रेष्ठ
प्रभारी जिला वैक्सीन हाउस