सिविल अस्पताल बना रैफरल केन्द्र, नहीं किया जा रहा मरीजों को भर्ती

कोरोना के बाद डेंगू व मलेरिया का प्रकोप

Update: 2020-11-08 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। शहर में कोरोना संक्रमण के बीच अब डेंगू व मलेरिया ने भी लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। अस्पताल में डेंगू, मलेरिया सहित मच्छर जनित बीमारियों से पीडि़त मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे है। वहींसिविल अस्पताल में इन बीमारियों के मरीजों को भर्ती करने की जगह सीधा रैफर किया जा रहा है। जिसको लेकर मरीज तो परेशान हैं ही और जयारोग्य पर मरीजों का भार बढ़ रहा है। सिविल अस्पताल में मेडिसिन के महिला एवं पुरुष वार्ड में करीब 15 पलंग है। इसके साथ ही पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भी करीब 6 पलंग की व्यवस्था है। लेकिन सिविल अस्पताल में चिकित्सक सहित पार्याप्त संसाधन उपलबध होने के बाद भी उपचार के लिए पहुंच रहे बुखार के मरीजों को भर्ती करने की जगह रैफर किया जा रहा है। अस्पताल में अधिकांश पलंग खाली पड़े रहते हैं। जबकि सिविल अस्पताल में प्रतिदिन की ओपीडी करीब 500 मरीज की होती है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीज बुखार से पीडि़त आ रहे हंै। उसके बाद भी सिविल अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने में कोई भी स्वास्थ्य अधिकारी अपनी रूचि नहीं दिखा रहा।

जिला अस्पताल में भी नहीं हो रहे भर्ती

इधर मुरार जिला अस्पताल की बात करें तो यहां भी मरीजों को भर्ती करने की जगह सीधा जयारोग्य के लिए रैफर कर दिया जाता है। मुरार जिला अस्पताल के अधिकांश वार्डों को कोरोना के लिए रखा गया है। ऐसे में यहां पहुंच रहे अन्य बीमारियों के मरीजों को उपचार के लिए परेशान होना पड़ रहा है। 

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