दूसरे दिन भी मना दशहरा, 1300 वाहनों की हुई बिक्री -
रात को हुआ रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन
ग्वालियर, न.सं.। इस बार दशहरा का त्यौहार एक नहीं दो दिन रविवार और सोमवार को मनाया गया। इन दोनों दिन वाहनों की पूजा व दो और चार पहिया वाहनों की अच्छी बिक्री हुई। इसमें सबसे अधिक कार बिकी हैं। वहीं शाम के समय रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन गली, मोहल्लों और कॉलोनियों में किया गया।
उल्लेखनीय है कि ज्योतिषाचार्यों की राय के अनुसार दशहरा का त्यौहार रविवार को ही मनाया जाना था, लेकिन दशमी तिथि सोमवार को सुबह तक रही व सरकारी अवकाश घोषित होने के कारण कई लोगों ने दशहरा सोमवार को मनाया। इस दिन लोगों ने सुबह-सुबह अपने वाहनों को धोकर उनकी पूजा की। साथ ही अस्त्र और शस्त्रों की भी पूजा की गई। दशहरा के अवसर पर वाहनों का खरीदना बेहद ही शुभ माना जाता है। इस मौके पर रविवार और सोमवार को लगभग 1300 वाहनों की बिक्री हुई है जिसमें 1000 दो पहिया वाहन और 300 कारें बिकी हैं।
रात तक बिकते रहे पुतले
सोमवार को भी दशहरा मनाए जाने के कारण रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों की बिक्री फूलबाग और छप्परवाला पुल पर रात तक होती रही। लोगों ने अपनी-अपनी पसंद के अनुसार इनको खरीदकर रात में दहन किया। इस मौके पर जोरदार आतिशबाजी भी की गई। पुतला बिक्रेता राहुल दौहरे ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार पुतलों की बिक्री कम हुई है। हमारा लाखों का माल बिका ही नहीं है।
गंगादास की शाला में हुई तोप की पूजा
लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बड़ी शाला में सोमवार को विजयादशमी का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। गंगादास की शाला में स्वामी रामसेवक दास महाराज के सानिध्य में विधिवत पूजन किया गया। पूजन अजय जी द्वारा कराया गया। इस मौके पर 400 वर्ष पुरानी तोप एवं संतों के हथियारों का पूजन किया गया। कोरोना एवं आचार संहिता का ध्यान रखते तोप को न चलाते हुए उसे सलामी दी गई। इस मौके पर अशोक नगर के महंत दामोदर दास महाराज, भिण्ड से संत उत्तम दास जी, संत रामशरण दास, रामबाबू कटारे, महेश मुदगल, दिनेश गुप्ता एवं सुरेश सेठ आदि उपस्थित थे।