ग्वालियर। रेलवे बोर्ड को आज एक संदिग्ध मोबाइल नंबर 63 89253402 प्राप्त हुआ। जिस पर दर्ज उपयोगकर्ता के संबंध में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि यह मोबाइल नंबर उक्त महिला द्वारा नहीं लिया गया है और ना ही कभी उपयोग किया गया है। मोबाइल नंबर से संबंधित प्रबल के माध्यम से डाटा निकाला गया तो उस पर आईआरसीटीसी पर्सनल यूजर आईडी Pwn251 दर्ज होना पाया गया है।
उक्त मोबाइल नम्बर की लास्ट लोकेशन एवं सीडीआर मे दर्ज संदिग्ध मोबाईल नम्बरों को प्रबल में चेक करने पर उक्त सीरीज की कुछ और आईआरसीटीसी पर्सनल यूजर आईडी मिला। संदेह वश चेक करने पर उक्त सीरीज की करीब 300 आईडी बनाया जाना पाया गया। उन आईडी के डिटेल्स का विश्लेषण करने पर पता चला की कुछ मोबाइल नंबर पैसेंजर मोबाइल नंबर के रूप में कई आई डी में प्रयोग किया गया है। जिसमें से मोबाइल नंबर 8756617424 का प्रयोग सबसे ज्यादा किया गया है। कुछ चिन्हित पीएनआर के बैंक डिटेल प्राप्त कर उससे सम्बंधित खाता का विवरण ज्ञात किया गया तो एसबीआई का एक खाता पंकज कुमार प्रजापति, पुत्र- भगवत प्रसाद, उम्र- 27 वर्ष, निवासी- मौली, थाना- कुंडा, जिला- प्रतापगढ़ (ऊ0प्र0) का पाया गया।
जिसके बाद सिविल पुलिस की सहायता से उक्त आरोपी को रेलवे एक्ट की धारा 143 के अपराध मे लिप्त पाये जाने पर गिरफ्तार किया गया है। आरोपी द्वारा इस कार्य मे प्रयोग किये जाने वाले उपकरणों को भी जब्त किया गया। आरोपी से कड़ाई से की गई पूछताछ में पता चला कि आरोपी साल 2013 से यह कार्य लगातार कर रहा है। आरोपी टिकट के साथ-साथ आईआरसीटीसी का पर्सनल यूजर आईडी भी बनाकर बेचा जाता है। उसके द्वारा अब तक 500 से अधिक आईडी बनाये गए है। आरोपी त्यिकत बनाने के लिए पहले एएनएमएस सॉफ्टवयर का उपयोग करता था। जबकि वर्तमान में रेयर मेंगो सॉफ़्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा था।
बरामद उपकरण -
02 लैपटॉप, 02 मोबाइल,05 फर्जी सिम,10 फर्जी सिम के कार्ड,पासबुक,प्रिंटर,03 काउंटर टिकट
मॉडस ऑपरेंडी-
मोबाइल के सिम बेचने वालों की मदद से फर्जी आईडी पर सिम प्राप्त कर आईआरसीटीसी की पर्सनल यूजर आईडी भारी संख्या में बनाकर पासवर्ड सहित जरूरमंद को धनराशि लेकर बेचना एवम प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की खरीद फ़रोख़्त करना एवम अन्य को बेचना। सॉफ्टवेयर की मदद से टिकट बुक करना एवम जरूरतमन्द को अधिक धनराशि लेके बेचना।