वर्ष 1925 में 18 रुपए में 10 ग्राम सोना और अब 50 हजार से अधिक है कीमत

निवेश की वस्तु बनकर रह गया है सोना

Update: 2022-04-18 14:23 GMT

ग्वालियर, न.सं.। सोना आदि अनादिकाल से हर किसी की पसंद रहा है। हर वर्ग इसे खरीदना और पहनना पसंद करता है। वर्ष 1925 में जो सोना 18 रुपए 75 पैसे में 10 ग्राम आता था वह आज 97 वर्ष के बाद 54,400 रुपए में दस ग्राम आ रहा है। सोने के दाम बढऩे का मुख्य कारण यह है कि बदलते वक्त के साथ सोना पहनने की कम और निवेश की वस्तु अधिक बनकर रह गया है। इसमें मजेदार बात यह भी थी कि नोटबंदी के दौरान तो पुराने हजार और पांच सौ के अधिक नोट देकर लोगों ने सोना ही खरीदा था।

कोरोना संक्रमण के दो वर्ष बाद जोरदार सहालगी सीजन शुरू होने जा रहा है। दस जुलाई से पहले जमकर विवाह होने वाले हैं। बाजारों में सोने की खरीदारी शुरू हो गई है। वहीं निवेशक भी इसे निवेश करने में सक्रिय हैं। ऐसे में सोने के दाम दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। अब यह स्टेण्डर्ड सोना 54,400 रुपए का दस ग्राम हो गया है। जेवराती भी 50 हजार 50 रुपए का दस ग्राम बिक रहा है। चांदी के दाम भी 70 हजार 200 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। व्यापारियों की राय के अनुसार आने वाले समय में इसके दाम और अधिक बढऩे की संभावना है।

वर्ष 1925 से 2012 तक के सोने के दाम 10 ग्राम में - 

वर्ष 1925 में 18.75 रुपए, 1935 में 30.81 रुपए, 1945 में 62 रुपए, 1955 में 79.18 रुपए, 1965 में 71.75 रुपए, 1975 में 540 रुपए, 1985 में 2130 रुपए, 1995 में 4680 रुपए, 2005 में 7000 रुपए, 2012 में 31 हजार रुपए तक बिका है।

वर्ष 2021 से 2022 में सोने के दाम 10 ग्राम में:-

मार्च माह 2021 में 46400 रुपए, अप्रैल 48800 रुपए, जून 49000 रुपए, जुलाई 50200 रुपए, अगस्त 49500 रुपए, सितम्बर 48800 रुपए, अक्टूबर 49900 रुपए, नवम्बर 51000 रुपए, दिसम्बर 50100 रुपए, जनवरी माह 2022 में 49800 रुपए, फरवरी 50600 रुपए, मार्च 52000 रुपए, अप्रैल 54500 रुपए।

अब कम वजनी गहने अधिक पसंद किए जा रहे हैं:-

सोने के दाम अधिक बढ़ गए हैं। लोग इससे पहनना भी अधिक पसंद करते हैं, इस लिहाज से बाजारों में अब कम वजनी गहनों का प्रचलन अधिक शुरू हो गया है। लोग कम वजनी गहने लेकर ही अपने सोना पहनने की इच्छा को पूरा कर रहे हैं। यह गहने बजट में तो आ ही जाते हैं दूसरा देखने में भी अच्छे लगते हैं।

इनका कहना है:-

'सोने के दाम हमेशा से ही घटते बढ़ते रहे हैं। वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध, सहालगी सीजन का होना और निवेशकों के सक्रिय होने से इसके दाम बहुत अधिक हो गए हैं। '

पुरुषोत्तम जैन

अध्यक्ष, सराफा संघ

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