ग्वालियर। राजस्थान में बने प्रति चक्रवात (एन्टी साइक्लोन) के प्रभाव से पश्चिम से हवाएं आना शुरू हो गई हैं। जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ वतावरण में नमी भी कम होने लगी है, जो इस बात का संकेत है कि मानसून अब वापस लौट चुका है। हालांकि, मौसम विभाग ने अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बंगाल की खाड़ी में अभी मानसूनी गतिविधियां जारी हैं। इसके चलते चार से पांच अक्टूबर के आसपास मध्यप्रदेश के विभिन्न भागों सहित ग्वालियर एवं चंबल अंचल में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
पिछले दिनों की अपेक्षा बुधवार को मौसम पूरी तरह साफ रहा। जिससे धूप काफी तेज निकली। इसके चलते पिछले दिन की अपेक्षा अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 35.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 0.9 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। बुधवार सुबह हवा में नमी 78 और शाम को 73 प्रतिशत दर्ज की गई। यहां बता दें कि इससे पहले 19 सितम्बर को अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
स्थानीय मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय ने बताया कि इधर दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में प्रति चक्रवात बना हुआ है तो उधर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसी क्रम में एक अक्टूबर के आसपास उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। आगामी चार से पांच अक्टूबर के बीच मध्यप्रदेश में इस चक्रवात का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान ग्वालियर एवं चंबल संभाग में भी कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश हो सकती है। खास बात यह है कि चार से पांच अक्टूबर के बीच अंचल में यदि बारिश हुई तो वह मानसून सीजन की बारिश नहीं मानी जाएगी क्योंकि मानसून सीजन 30 सितम्बर तक ही माना जाता है।