अतिक्रमण के लिए काट डाले सैकड़ों पेड़, चार लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा
ग्वालियर, न.सं.। बार-बार समझाने के बाद भी आदिवासी वर्ग के लोग वन भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कुछ स्थानों पर लोगों ने सैकड़ों हरे-भरे पेड़ काट डाले। वन विभाग ने ऐसे ही चार लोगों को पकडक़र न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार राज्य शासन द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमिहीन आदिवासियों को पट्टे दिए जा रहे हैं। इस अधिनियम के अनुसार वन भूमि पर यदि कई सालों से किसी भूमिहीन आदिवासी का कब्जा होता है तो उसे उक्त भूमि का पट्टा दिया जा रहा है। इसी के चलते भूमि का पट्टा प्राप्त करने की नीयत से आदिवासी वर्ग के लोग आए दिन वन भूमि पर अपना कब्जा जमाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में बीते 11 अगस्त को वन मंडल ग्वालियर के घाटीगांव उत्तर (मोहना) वन परिक्षेत्र की सिकरावली बीट में वन भूमि पर कब्जा जमाने के लिए आदिवासी महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। हालांकि उस दिन मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई करने की वजाय आदिवासी महिलाओं को समझा-बुझाकर भगा दिया था, लेकिन बीते रविवार को सिकरावली के जंगल में एक बार फिर करीब आधा सैकड़ा की संख्या में आदिवासी लोग आ धमके और जमीन पर अतिक्रमण करने के लिए हरे-भरे पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों तक पहुंची, तब तक आदिवासी लोग खैर के करीब 70 पेड़ काट चुके थे। अतिक्रामकों ने केवल पेड़ ही नहीं काटे, बल्कि पक्षियों के घौंसले और वन्य जीवों के रहवास भी नष्ट कर दिए।
मौके पर पहुंचे वन अमले को देखकर सभी आरोपी भाग गए, लेकिन चार लोगों को पकड़ लिया गया, जिनमें दौजी पुत्र भदई आदिवासी, सोनेराम पुत्र परमू आदिवासी, रतीराम पुत्र परमू आदिवासी, मोहन सिंह पुत्र वनफूल आदिवासी निवासी ग्राम पथरौटा शामिल हैं। इन चारों आरोपियों के विरुद्ध वन अपराध दर्ज कर सोमवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से चारों को जेल भेज दिया गया।
इनका कहना है
मोहना रेंज की सिकरावली दक्षिण बीट में अतिक्रमण का प्रयास करते हुए चार लोगों को पकड़ा गया है, जिन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। साथ ही वन क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ा दी गई है।
जी.के. चंद, उप वन मंडल अधिकारी, घाटीगांव