अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस : माधव महाविद्यालय में एड्स के प्रति युवाओं को किया जागरूक
राष्ट्रीय सेवा योजना के उन पीड़ित व्यक्तियों के बीच जाकर जन जागरूकता का कार्य करेंगे एड्स छुआछूत की बीमारी नहीं है ना ही एक दूसरे के साथ-साथ रहने से फैलती है : डॉ. जे पी सिंह
ग्वालियर। एड्स एक गम्भीर बिमारी है जिससे बचने के लिये जागरूक होना पड़ेगा। 12 अगस्त अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। मप्र सरकार ने इस दिन युवाओं को एड्स के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता तथा स्वास्थ्य एवं सुरक्षित जीवन शैली की अपनाने के लिये प्रेरित करने का जन अभियान चलाया है। एड्स की जागरूकता के लिये शासन द्वारा विभिन्न महाविद्यालयों में रेड रिबन क्लब का गठन किया गया है जिसे यूनिसेफ द्वारा एनएसएस के सहयोग से जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय सेवा योजना के उन पीड़ित व्यक्तियों के बीच जाकर जन जागरूकता का कार्य करेंगे एड्स छुआछूत की बीमारी नहीं है ना ही एक दूसरे के साथ-साथ रहने से फैलती है यह बात जेपी सिंह ने कही। माधव महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की रेड रिबन क्लब द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भगवत सहाय महाविद्यालय ग्वालियर के प्राध्यापक अंग्रेजी डॉ. जेपी सिंह, प्राचार्य डॉ. संजय रस्तोगी माधव महाविद्यालय ग्वालियर, डॉ. मनोज अवस्थी, जिला संगठक रासेयो ग्वालियर, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय कुमार पाण्डेय, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं डॉ. विकास शुक्ला कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. जेपी सिंह ने एड्स पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये युवा पीढ़ी द्वारा आज के दिवस पर जन-जन तक यह बात पहुंचाने का आव्हान किया। एड्स दिवस से इस बिमारी के बारे में फैली हुई भ्रतियों को दूर करना और एड्स पीडित व्यक्ति को सम्मान के साथ में समाज में स्थान देना ही प्रमुख उद्देष्य हैं। एड्स एक महामारी है और इसके ताजे आंकड़े चिंताजनक भी है।
डॉ. रस्तोगी ने कहा कि सभ्य समाज के लिये इसके संरक्षण द्वारा बचाव के द्वारा बचा जा सकता है। डॉण् अवस्थी ने बताया कि एड्स एक महामारी है और इसके ताजे आंकड़े चिन्ताजनक है इस महामारी को रोकने के लिये स्वयं सेवकों ने बस्तियों में जाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया।
डॉ. अवस्थी ने आव्हान किया कि एड्स द्वारा पीड़ित व्यक्तियों को समाज के इस व्यवस्था में जोड़े और केम्पों के माध्यम से एनएसएस के स्वयं सेवक उनके लक्षण व सुझाव को जन.जन तक पहुंचायें। योनजनित बिमारी होने के बावजूद भी यह गर्भवती माता को बिना एचआईवी जांच के रक्त चढ़ाने तथा इस्तेमाल की गई इनजेक्शन के द्वारा फैलने की ज्यादा सम्भावना रहती है जिससे बचा जायें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय कुमार पाण्डेय व आभार डॉ. विकास शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में स्वयं सेवक मोहित राजावत, अंकुर तिवारी, मोहित करोसिया, शिवम गोडयाले, कृष्णा गर्ग, रितिक घोरपडे, वर्षा आदि लोगों ने सहभागिता की।