सिंधिया ने तीसरी बार टिकट दिलाया, इसलिए दक्षिणा में अंगूठा दिया : मुन्नालाल गोयल

विधायक पद से इस्तीफा देने वाले मुन्नालाल गोयल से विशेष बातचीत

Update: 2020-04-17 09:25 GMT

कांग्रेस सरकार को कमलनाथ का अहंकार ले डूबा

भाजपा अनुशासित और कांग्रेस व्यक्तिवादी दल

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। मुन्नालाल गोयल को ग्वालियर की राजनीति में बिना कलफदार कुर्ते पजामे में साधारण रहकर राजनीति करते आम देखा गया है। वे समाजवादी पार्टी के बाद कांग्रेस में गए और आज भाजपा में हैं। समाजवादी नेता रहते वैसे तो उन्होंने कई चुनाव लड़े, जिसमें स्वयं और उनकी पत्नी पार्षद भी रहे। इस दौरान परिषद में दलविहीन होकर भी उनकी आवाज जोरो से गूंजी। लेकिन इससे ऊंचे पद का चुनाव वह नहीं जीत पाए थे। यह अवसर वर्ष 2018 में आया, जब ग्वालियर पूर्व से उन्हें कांग्रेस ने तीसरी बार टिकट देकर विधानसभा का चुनाव लड़ाया। जिसमें उन्होंने सारे समीकरण निराधार साबित करते हुए भाजपा उम्मीदवार सतीश सिंह सिकरवार को पराजित किया। इसके लिए वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति पूरी तरह कृतज्ञ हैं और कहते हैं कि जिस नेता ने दो बार के पराजित प्रत्याशी को टिकट दिलाने जी- जान लगा दी, तो हमने भी दक्षिणा में अपने नेता को अंगूठा कुर्बान कर दिया, जिसकी अब उन्हें कोई परवाह नहीं है। यह बात स्वदेश से विशेष चर्चा करते हुए ग्वालियर पूर्व के विधायक मुन्नालाल गोयल ने कही।

सवालः आप कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए हैं, कैसा लग रहा है?

जवाबः हमने अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्णय का साथ दिया है। भाजपा अनुशासित और संगठन को लेकर चलने वाली पार्टी है, जबकि कांग्रेस में व्यक्तिवाद हावी रहता है। दोनों दलों में यही मूलभूत अंतर है। कोरोना के संकट में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संगठन जनसेवा में लगा हुआ है,किंतु कांग्रेसी कहीं दिखाई नहीं दे रहे।

सवालः प्रदेश में सवा साल चली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने का मुख्य कारण क्या मानते हैं?

जवाबः सरकार गिरने का मुख्य कारण कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का घमंड रहा। इन दोनों के अहंकार के कारण कांग्रेस सरकार सत्ता से चली गई। विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल से 34 में से 27 सीटें कांग्रेस ने सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से जीतीं। फिर भी उनके योगदान को लगातार नकारा जाता रहा। पहले उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर मुख्यमंत्री नहीं बनाया, फिर जब प्रदेश अध्यक्ष बनने की बारी आई तो उस पर भी अड़ंगा लगा दिया। अब राज्यसभा में भी उन्हें नहीं लाया जा रहा था।ऐसे में अतिथि शिक्षकों के धरने पर यदि उन्होंने कांग्रेस की वचन पत्र में कही गई बात दोहराकर सड़क पर उतरने की बात कह दी तो घमंड में चूर कमलनाथ ने भी उन्हें उतरने के लिए आमंत्रित कर दिया। यह उनका अहंकार था, सिंधिया के प्रति यही भावना सरकार को ले डूबी।

सवालः कांग्रेस द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि आप लोगों को धोखे में रखकर पहले दिल्ली और फिर बेंगलुरु ले जाया गया। इस दौरान बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त भी हुई है।

जवाबः राजनीति में जब सारे रास्ते खत्म हो जाते हैं तो अंतिम आरोप चरित्र पर लांछन लगाने का होता है। कांग्रेस भी इसी रास्ते पर है। इसलिए हमें उनके प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। हमारे नेता ने हमें दिल्ली बुलाकर सारी स्थितियां स्पष्ट कर दीं थीं, तब हम स्वेच्छा से बेंगलुरु गए थे। इसमें छिपाने और प्रलोभन की बात कहां से आ गई।

सवालः वैसे कांग्रेस छोड़ने की मुख्य वजह क्या रही?

जवाबः मुझे वर्ष 2008 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में लेकर आए और लश्कर पूर्व से टिकट दिलाया। इसके बाद दूसरी बार वर्ष 2013 में भी टिकट दिलाया।फिर वर्ष 2018 में जब दो बार के पराजित प्रत्याशी को टिकट नहीं मिल रहा था, तब उन्होंने अड़कर टिकट दिला दिया। जिसकी वजह से मैं विधायक बन सका। ऐसे में मेरी अंतरात्मा ने वफादारी की कीमत चुकाई है। इसमें फिर हमने यह नहीं सोचा कि भविष्य क्या होगा। सिंधिया के आत्म सम्मान की खातिर हमने उनका साथ देने का निर्णय लिया है।

सवालः सवा साल के कांग्रेस शासन में आपने विधानसभा परिसर में धरने के साथ मुखर होकर अपनी आवाज उठाई। आगे भी इसी तरह मुखर रहेंगे ?

जवाबः मुरार नदी के सौंदर्यीकरण एवं गरीब आदिवासियों को पट्टा वितरण सहित अन्य विकास कार्यों को लेकर सवा साल कांग्रेस शासन में लड़ाई लड़ी। आगे भी इन कार्यों को पूर्ण कराने के लिए भाजपा सरकार में पूरी ताकत लगा दूंगा। मैंने जनता की कसौटी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश की है, मैं आज भी आधी रात को उनके लिए तैयार हूं।

सवालः अब आप विधायक पद से इस्तीफा देकर पूर्व हो गए हैं। उपचुनाव में भाजपा की ओर से क्या आश्वासन दिया गया है ?

जवाबः भाजपा अनुशासित दल है। हम पार्टी नेतृत्व के प्रति आस्थावान रहेंगे। वहां से जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा। फिलहाल तो हम भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ गरीब एवं जरूरतमंद को भोजन एवं राशन वितरण के कार्य में जुटे हुए हैं। 

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