MP NEWS: ग्वालियर में जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ने से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग हुआ ALERT

Update: 2025-01-27 07:13 GMT

Japanese Encephalitis 3 New Cases in Gwalior : ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) ने दस्तक दे दी है। सागर ताल इलाके में लगातार तीन मरीजों में इस वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है। पहले 15 वर्षीय किशोरी में जापानी इंसेफेलाइटिस की पुष्टि हुई थी, और अब सागर ताल टंकी वाले हनुमान मंदिर के पास दो और नए मामले सामने आए हैं।

पहला मामला सागर ताल के पास सरकारी मल्टी से सामने आया था, जहां एक युवक को तेज बुखार, सिर दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में जापानी इंसेफेलाइटिस की पुष्टि हुई। इसके बाद गजराराजा मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब से भेजे गए 11 सैंपल्स में से 2 में वायरस की पुष्टि हुई। इन मरीजों में 30 वर्षीय रेखा शर्मा और 56 वर्षीय राजेंद्र प्रसाद शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में मलेरिया विभाग की टीम को लार्वा सर्वे के लिए भेजा है, लेकिन इस दौरान इलाके में एक भी सूअर नहीं मिला, जबकि सूअरों को इस बीमारी के प्रसार में योगदान देने वाला माना जाता है।

मच्छरों द्वारा फैलने वाला खतरनाक वायरस

जापानी इंसेफेलाइटिस एक मच्छरों द्वारा फैलने वाला खतरनाक वायरस है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, उल्टी, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन, कोमा या लकवा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

स्वास्थ्य विभाग अब इस वायरस के फैलने को रोकने के लिए और अधिक कदम उठाने की योजना बना रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस बीमारी से निपटने के लिए सतर्कता बढ़ाना जरूरी है, खासकर मच्छरों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए।


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