ग्वालियर में कथावाचक का अपहरण, साढ़े पांच लाख की मांगी फिरौती?

बदमाश ने भागवत करने के बहाने बुलाया था वृंदावन

Update: 2024-04-10 17:24 GMT

ग्वालियर। शहर के एक कथावाचक का उत्तरप्रदेश के बदमाशों द्वारा अपहरण करने का प्रकरण सामने आया है। बदमाशों ने भागवत करने के बहाने कथावाचक को अपने पास बुलाया और अपहरण कर लिया। बाद में बदमाशों ने परिजनों से साढ़े पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी है। बदमाश कथावाचक को लेकर गुरुग्राम में कहीं छिपे हैं। इधर ग्वालियर में परिजन पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही है।

गुढ़ा गुढ़ी का नाका निवासी दीपक किशन शास्त्री 27 वर्ष कथावाचक हैं और जो भी उनको कथा या अन्य धार्मिक अनुष्ठान के लिए बुलाता है वह सहर्ष वहां पर चले जाते हैं। 7 अप्रैल को एक नम्बर से उनके मोबाइल पर फोन आया और फोन करने वाले ने बोला कि वह मथुरा वृंदावन से बोल रहा है। उनको नवरात्रि पर दुर्गा पाठ कराना है। दीपककिशन दुबे भागवत करने के लिए राजी हो गए और फोन करने वाले के बुलावे पर वह वृंदावन पहुंच गए। जिसने फोन करके कथावाचक को बुलाया था उसने उनको अपने कब्जे में कर बंधक बना लिया। बदमाश ने दीपककिशन का अपहरण करने के बाद 8 अप्रैल को बड़े भाई लक्ष्मीनारायण दुबे को फोन लगाया और बताया कि कथावाचक उनके कब्जे में है उनका हमने अपहरण कर लिया है। भाई के अपहरण की सुनकर लक्ष्मीनारायण और अन्य परिजन घबरा गए। बदमाश ने साढ़े पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती मांगने वाले बदमाश से लक्ष्मीनारायण ने कहा कि हमको कैसे यकीन होगा कि हमारा भाई तुम्हारे पास है। बदमाश ने दीपककिशन दुबे से फोन पर बात करा दी। बदमाशों के कब्जे में कथावाचक ने भी मुक्त कराने के लिए भाईयों से पैसे भेजने की बात कही। दीपककिशन के अपहरण और फिरौती की सुनने के बाद परिजन परेशान हो गए और वह पुलिस से उनको आजाद कराने की गुहार लगा रहे हैं। लक्ष्मीनारायण का कहना है कि में स्वयं 7 अप्रैल को दीपककिशन को रेलवे स्टेशन छोडक़र आया था उसने बताया कि वह वृंदावन दुर्गापाठ के लिए जारहे हैं लेकिन अगले दिन उन्हें बंधक बनाने और छोडऩे के बदले साढ़े पांच लाख रुपए फिरौती मांगी है।

एक कहानी यह भी

लक्ष्मीनारायण दुबे ने बताया कि छोटे भाई दीपककिशन को गुरुग्राम के गांव रिठौन में एक महिला ईशा सिंह ने कथा कराने के लिए जुलाई माह में बुलाया था। इसके बाद उनको गुरुग्राम आना जाना होता रहा। बाद में ईशा सिंह दीपककिशन पर विवाह करने के लिए कहने लगी। जब वह नहीं राजी हुआ तो दबाव बनाने लगी। अभी तीन नम्बरों से फोन आ रहे हैं उनमें एक महिला भी बोल रही है। लक्ष्मीनारायण दुबे का कहना है कि भाई महिला के कब्जे में ही होना चाहिए। जबकि एक व्यक्ति अपना नाम राम बता रहा है लेकिन वह दीपककिशन से बात नहीं करा रहे हैं। दीपककिशन ने उनके ही मोबाइल से पैसे भेजने का मैसेज किया है।

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