दिग्विजय समर्थकों की उपेक्षा के शिकार कमलनाथ को मिला सिर्फ 'मिर्ची बाबा का सहारा: पाराशर
ग्वालियर। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री, जो नेता प्रतिपक्ष भी बन गये हैं, उन्हें आज ग्वालियर में उपेक्षा की मार झेलनी पड़ी। यहां खुले तौर पर श्री दिग्विजय सिंह और उनके समर्थकों ने कमलनाथ के दौरे से दूरी बनाई। शायद इसी कारण उन्हें मिर्ची बाबा का सहारा लेना पड़ा। दूसरी ओर ग्वालियर की जनता ने 15 महीने के शासनकाल के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग की उपेक्षा को लेकर जो तीखे सवाल पूछे उससे कमलनाथ की और किरकिरी हो गई।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने कहा कि श्री कमलनाथ का रोड शो बुरी तरह फ्लॉप हुआ है। मजदूरों को 500-500 रुपये का लालच देकर कुछ बसों मेें भरकर लाया गया, जो भोजन नहीं मिलने के कारण बीच में से ही गायब हो गये। खबर तो यह भी यह है कि उन्हें मजदूरी का पैसा भी नहीं मिला। हवाई अड्डे पर आने के बाद कमलनाथ ने जब यह देखा कि उनके स्वागत के लिए एक सैंकड़ा लोग भी नहीं पहुंचे हैं, तो वे नाराज होकर लाउंज में बैठे रहे। लगभग डेढ़ सौ के आस-पास लोगों के हवाई अड्डे पहुंचने के बाद वे बमुश्किल बाहर निकले और रवाना हुए। मार्ग में कहीं भी ग्वालियर की जनता ने उनका कोई स्वागत नहीं किया। बल्कि जगह-जगह होर्डिंग्स पर लिखे सवालों को लेकर कमलनाथ असहज होते रहे। ग्वालियर में 15 महीने तक कमलनाथ ने एक रुपए का भी विकास का कार्य नहीं किया। यही कारण था कि आज वे सवालों से असहज तो हुए ही बल्कि कांग्रेस पार्टी के उन तमाम नेताओं की बेरूखी का सामना भी उन्हें करना पड़ा, जिन्हें दिग्विजय सिंह समर्थक कहा जाता है। उदाहरण के लिए इस अंचल में बचे हुए कांग्रेसियों के सबसे बड़े नेता डॉ. गोविंद सिंह पूरे रोड शो से गायब रहे। केवल औपचारिकता के लिए लक्ष्मीबाई की समाधि के सामने प्रकट हुए और फिर गायब हो गए। ग्वालियर में दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक और ग्वालियर ग्रामीण जिले के अध्यक्ष अशोक सिंह की अनुपस्थिति भी खासी चर्चा का विषय रही। दिग्विजय के पुत्र और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह जो अभी तक अंचल में लगातार सक्रिय थे, उन्होंने भी आज कमलनाथ के दौरे का बहिष्कार किया। मजबूरी के मारे कमलनाथ के पास आज मिर्ची बाबा के अलावा कोई सहारा नहीं था। शायद इसलिए वे अपने रोड शो के दौरान गाड़ी में मिर्ची बाबा को बैठाये रहे।