अतिक्रमण हटाने से नाराज लोगों को मनाने पहुंचे ऊर्जा मंत्री तोमर, कहा- जो शहर के हित में है, मैं वहीँ करूंगा

Update: 2022-11-14 13:41 GMT

ग्वालियर। शहर में कल किलागेट पर निगम द्वारा 15 मकान और दुकान पर बुलडोजर चलाने के बाद आज ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर यहां नाराज लोगों को मनाने के लिए पहुंचे। ये क्षेत्र उनकी विधानसभा के अंतर्गत आता है। इसलिए तुड़ाई के समय नाराज लोगों ने मंत्री के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए नारे बाजी की थी।  जिसके बाद आज उन्होंने जनता के बीच पहुंचकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की।  

दरअसल, रविवार को निगम और प्रशासन ने किलागेट पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। सुबह के समय जैसे ही क्षेत्र में बुलडोजर पहुंचा और लोगों के मकान और दूकान तोड़ने लगा तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। यहां एक कांग्रेस नेता नाराज व्यापारियों और निवासियों के साथ धरने पर बैठ गए थे। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटा दिया था एवं कांग्रेस नेता को उनके घर में नजरबंद कर दिया था। इस दौरान कुछ लोगों ने मंत्री और क्षेत्रीय विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।


मैं वही करूंगा, जो शहर और आने वाली पीढ़ियों के हित में होगा- 

आज जब मंत्री यहां पहुंचे तो उन्हें देख लोगों का गगुस्सा फुट पड़ा।  लोगों ने कहा की कल जब बिना नोटिस दिए हमारे मकान-दूकान तोड़ दिए गए तब कहाँ थे आप, आज आप हमें सात्वनां देने के लिए आ गए। जनता के मन में नाराजगी को भांपते हुए मंत्री तोमर ने कहा की आप लोग मुझे जूते मार लें। डंडे मारें। चाहे पत्थर फिंकवा दें। मैं वही करूंगा, जो शहर और आने वाली पीढ़ियों के हित में होगा। 

उन्होंने आगे कहा की 'मैं सबको नहीं बुला रहा हूं, संतुष्ट करने के लिए। अगर आप असंतुष्ट हैं। यदि आप समझते हैं कि मैं निकम्मा हूं, तो आपके किसी काम का नहीं हूं। आपके साथ अन्याय किया है, तो मैं क्षत्रिय बालक हूं। आप कहें तो आज ही रिजाइन कर देता हूं। अगर आपको विश्वास नहीं है। मुझे कुछ नहीं कहना। ना ही मुझे तोड़फोड़ पर कुछ कहना। आपको लाठी चलानी है, लाठी चलाएं, मुझे जूते मारना है, जूते मारिए, पत्थर फेंकना, पत्थर फेंकिए, लेकिन कह देता हूं, वह काम जरूर करूंगा, जो आने वाली पीढ़ियों और ग्वालियर का भला होगा।

अगर नहीं है भरोसा, नेताओं की तरह मुझे भी गिनना चाहते हैं, तो मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी। ये मेरा कोई चुनावी भाषण नहीं है। मैं आपकी बात सुनूंगा। आपको गाली देना है, गाली दीजिए। जो करना है, करिए। आपके कुछ साथी मेरे पास आए। इससे पहले भी सिर रखकर कहा था कि प्रशासन कार्रवाई करेगा।

प्रशासन मुझ पर आरोप लगाता है कि आप कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं। मैं तो आपका सेवक हूं, इसीलिए आपके पास आया हूं। मैं चाहता हूं कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए। आप मेरे साथ चलो। जिला प्रशासन को लेकर बैठकर बात करते हैं। बीच का रास्ता निकालते हैं, जिससे आपको न्याय मिल सके। विकास के काम भी प्रभावित न हो। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना। मैंने प्रशासन से कहा है, आप जो सहमति देंगे लिखकर, उसके हिसाब से कार्रवाई होगी।'





Tags:    

Similar News