कमलनाथ सरकार का कारनामा : इस्तीफे से पहले 63 करोड़ का मोबाइल घोटाला

  • राजीव अग्रवाल
  • महिला एवं बाल विकास और लघु उद्योग निगम का कारनामा, तत्कालीन मंत्री साधौ पर भी उठी उंगलियां

Update: 2020-06-25 01:00 GMT

ग्वालियर। सवा साल प्रदेश पर काबिज रही कमलनाथ सरकार भले ही विकास के कितने भी दावे करे, किंतु इनके मंत्रियों एवं अधिकारियों के कारनामों की पोल एक के बाद एक कर खुल रही हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज घोटाला सामने आया है, जिसमें तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के लगातार मना करने के बावजूद जैसे ही इस विभाग की मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ बनी तो अधिकारियों के दबाव में 63 करोड़ के मोबाइल का सौदा कर डाला। खास बात यह है कि यह सौदा कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के ठीक 15 मिनट पहले किया गया। जिससे मामला पूरी तरह संदिग्ध हो गया। बाद में इंदौर-5 के विधायक महेंद्र हार्डिया की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सौदे को रद्द करा दिया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 76 हजार मोबाइल खरीदे जाने थे। भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार विभाग को इसके लिए जीईएम पोर्टल पर निविदाएं मंगाना थी, किंतु जानबूझकर इसके लिए लघु उद्योग निगम को अधिकृत कर दिया गया। जिसमें लगभग दो करोड़ रुपए का सर्विस चार्ज लघु उद्योग निगम द्वारा लिया गया। चूंकि अधिकारी जिस कंपनी के मोबाइल को खरीदने पर जोर दे रहे थे, उससे तत्कालीन महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी सहमत नहीं थी। क्योंकि कम्पनी ने इस मोबाइल की अन्य राज्यों में 6 हजार रुपए दर रखी, वहीं प्रदेश में इसकी दर 8952 रुपए प्रति मोबाइल रखी गई।

इसके लिए उन्होंने (इमरती देवी) ने 28 फरवरी 2020 को नोटशीट भी लिखी कि पूरी तरह जांच परख कर ही तकनीकी रूप से अच्छे मोबाइल की ही खरीद की जाए। अधिकारियों का फिर भी उसी कंपनी के मोबाइल पर ज्यादा मोह रहा । तब उन्होंने पुन: 22 मार्च को नोटशीट लिखकर ऐसा करने से मना किया। जिससे संबंधित अधिकारियों के हाथ बंध गए, जबकि मोबाइल कंपनी के लोग भी मंत्री पर भी प्रलोभन देकर दबाव डाल रहे थे। चूंकि दूसरे मोबाइल अच्छी गुणवत्ता के थे, इसीलिए मंत्री चाहती थीं कि सैमसंग के मोबाइल की खरीदी की जाए। क्योंकि यह मोबाइल छोटे छोटे कस्बे और गलियों में भेजे जाने थे, जहां सैमसंग की रेंज अच्छी रहती है।

साधौ को मिला था अतिरिक्त प्रभार

इस बीच प्रदेश में कांग्रेस मंत्रियों एवं विधायकों की बगावत के चलते छह मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया। जिनमें इमरती देवी का नाम भी था। उनके हटने पर महिला एवं बाल विभाग विभाग का अतिरिक्त प्रभार विजयलक्ष्मी साधौ को दिया गया। तब संबंधित अधिकारियों ने साधौ पर दबाव डालना शुरू किया, किंतु पहले तो उन्होंने भी इस काम में दखलंदाजी नहीं की। किंतु जैसे ही उन्हें पता लगा कि अब कमलनाथ मुख्यमंत्री पद से हटने जा रहे हैं, तब 19 मार्च को एलजी कम्पनी के मोबाइल खरीदी का आदेश जारी हो गया। यानी कि इस कम्पनी के मोबाइल खरीदी का निर्णय कमलनाथ के पद से हटने के 15 मिनट पहले लिया गया।

हार्डिया ने की शिकायत

इस गंभीर मसले पर इंदौर- पांच से भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया आगे आए

और उन्होंने 24 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सारी हकीकत से अवगत कराया। पत्र में उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती के कहने पर लघु उद्योग निगम के महाप्रबंधक मनु श्रीवास्तव द्वारा यह कारनामा कराया गया। जिसमें 60 करोड़ का घोटाला हुआ। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पत्र के साथ पांच अन्य राज्यों में एलजी एलएमएक्स 210 द्वारा दी गई दरों की भी जानकारी दी। जिसमें अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मणिपुर, पांडिचेरी के नाम हैं। वहां की दरें मध्यप्रदेश से डेढ़ से दो हजार रुपए कम दर्शाई गई हैं।

संदिग्ध सौदा निरस्त

सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री इमरती देवी एवं विधायक महेंद्र हार्डिया की आपत्तियों और घोटाले को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर 25 मार्च 2020 को मप्र लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक ने आदेश क्रमांक लउनि/विप/पीएस/ 09/ 2019-20/04 जारी करते हुए जीईएमसी-511687769453822 दि.19.03.2020 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जिससे कांग्रेस की तत्कालीन मंत्री एवं अधिकारियों के अरमान अधूरे रह गए।

विजयलक्ष्मी साधौ ने मंत्री बनते ही कराया सौदा

इस मामले में पूर्व मंत्री इमरती देवी का कहना है कि कमलनाथ सरकार ने सवा साल में भारी भ्रष्टाचार किया। उनके विभाग में भी जबरदस्ती एलजी मोबाइल खरीदी के लिए अधिकारियों ने दबाव डाला। किंतु उनके मना करने के बाद जैसे ही डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ मंत्री बनी तो उन्होंने यह सौदा करा दिया। इसमें भ्रष्टाचार स्पष्ट झलक रहा है। इस मामले की बारीकी से जांच कर कार्रवाई होना चाहिए।

मैं इमरती देवी नहीं आरोप बेबुनियाद

स्वदेश से चर्चा में अपनी प्रतिक्रिया में पूर्व मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि उनके पास रूटीन फाइलें आई होंगी, उसी के तहत कोई कार्य हुआ होगा। वैसे भी मेरे पास यह विभाग मात्र छह-सात दिन रहा। इसमें घोटाले जैसी बात कहां से आ गई। मैं इमरती देवी नहीं हूं, उन्हीं के समय ऐसा कार्य हो सकता है, बस इतना ही कहूंगी।




 






 


 


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