ग्वालियर। ग्वालियर में सबसे कम समय में नया टर्मिनल बनकर तैयार हो गया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की निगरानी में यह नया टर्मिनल मात्र 16 महीने में तैयार हो गया है। इस नए टर्मिनल के बन जाने से ग्वालियर में हवाई मार्ग से प्रगति के नए मार्ग यह टर्मिनल खोलेगा। यह प्रदेश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है, जहां 1500 यात्री क्षमता के साथ कार्गो भी तैयार किया गया है। भोपाल और दिल्ली के बीच मजबूत रेल नेटवर्क का ग्वालियर शहर उड़ानों को लेकर नए आयाम बनाएगा। अभी तक अधिकतम 9 फ्लाइटों की संचालन क्षमता वाला ग्वालियर सुबह से रात तक फ्लाइटों के लिए तैयार हो चुका है। नए टर्मिनल के तैयार होने से इंडस्ट्रीज के साथ-साथ पर्यटन की क्षमताएं और विकसित होंगी। ग्वालियर को पर्यटन के वैश्विक पटल पर लाने की संकल्पना भी ज्यादा दूर नहीं रहेगी। बड़े-बड़े उद्योगपति जो अभी तक हवाई मार्ग बेहतर न होने के कारण पीछे हटते थे वह अब खुद आगे आएंगे। इस तरह अलग अलग मायनों में ग्वालियर प्रगति की नई उड़ान भरेगा।
ग्वालियर एयरपोर्ट टर्मिनल की खासियत
- -ग्वालियर का राजमाता विजया राजे सिंधिया एयरपोर्ट तकरीबन 500 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
- -यह एयरपोर्ट 100 एकड़ के एरिया में फैला हुआ है।
- -इसके पहले चरण में 300 करोड़ रुपये खर्च हुए।
- -इस एयरपोर्ट में 1500 यात्रियों की क्षमता है।
- -इस एयरपोर्ट में पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें एक साथ 700 गाडिय़ों की पार्किंग की क्षमता है।
- -यहां एक साथ 13 फ्लाइट लैंड कर सकेंगी।
- -इस एयरपोर्ट में 09 एयरबस और 4 एटीआर की जगह भी है।
- -वर्तमान में ग्वालियर से अहमदाबाद, बैंगलोर, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, मुम्बई व अयोध्या के लिए हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं।
- -इस एयरपोर्ट पर आधुनिक चेक इन काउंटर्स, चाइल्ड केयर रूम, वीआईपी लाउंज, स्नैक्स बार, एटीएम, चिकित्सा सुविधा के साथ ही पब्लिक एमेनिटीज की सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शिक्षा आधारित पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ग्वालियर हवाई अड्डा मध्य प्रदेश राज्य के पांच हवाई अड्डों में से एक है जो शहर के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। हवाई अड्डे के नए टर्मिनल के विकास से शिक्षा आधारित पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे क्योंकि स्थानीय जनसंख्या का बड़ा भाग अपनी आजीविका के लिए पर्यटन पर निर्भर है। शहर में इसकी पर्याप्त संभावनाएं हैं।