कमलाराजा में बढ़ी मरीजों की संख्या, प्रतिदिन भर्ती हो रहे 80 से अधिक मरीज

मुरैना, भिण्ड से भी किए जा रहे रैफर, नर्सों की हड़ताल से मरीज परेशान;

Update: 2023-07-15 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ नर्र्सों की हड़ताल से जहां अस्पतालों अस्पतालों की स्वास्थ्य सुविधाएं ठप्प होती जा रही हैं। वहीं कमलाराजा अस्पताल में मरीजों की भर्ती संख्या लगातार बढ़ रही है, जिस कारण कमलाराजा की व्यवस्थाएं भी बिगडऩे लगी हैं। दरअसल नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के बैनर तले नर्सों की हड़ताल पाचवे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। हड़ताल के कारण अब कमलाराजा अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगडऩे ली हैं। कमलाराजा में जहां प्रतिदिन 55 से 60 गर्भवति महिलाओं को भर्ती किया जाता था। लेकिन पिछले तीन दिनों से प्रतिदिन 80 से 90 गर्भवति महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है। कमलाराजा के चिकित्सकों का कहना है कि यहां मुरार जच्चा खाने, बिरला नगर प्रसूति गृह, लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह के अलावा मुरैना व भिण्ड से भी मरीजों को रैफर किया जा रहा है। रैफर होकर आने वाली अधिकांश महिलाएं गम्भीर स्थिति में आ रही हैं, जिनका प्रसव ऑपरेशन से करना पड़ रहा है। इसके अलावा कई ऐसी गर्भवति महिलाओं को रैफर किया जा रहा है, जिनका सामान्य प्रसव होना है। चिकित्सकों ने यह भी बताया कि वर्तमान में कमलाराजा अस्पताल के गायनिक विभाग में करीब 250 पलंग हैं, लेकिन भर्ती संख्या 500 तक पहुंच गई है। ऐसे में मरीजों का उपचार करने में परेशानी भी हो रही है। यही स्थिति पीडियाट्रिक विभाग की भी है। कमलाराजा अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में भी भर्ती बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है और एक पलंग पर दो-दो बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है।

ऑपरेशन का काम भी हुआ ठप्प, अस्पताल भी खाली

मुरार जच्चा खाने में प्रतिदिन गर्भवति महिलाओं के 7 से 8 ऑपरेशन किए जाते हैं। लेकिन पिछले पाच दिनों से एक भी ऑपरेशन नहीं किए गए। इसके अलावा सामान्य प्रसव के लिए भी एक-दो महिलाओं को ही भर्ती किया जा रहा है। इसी तरह सिविल अस्पताल हजीरा की बात करें तो यहां सर्जरी विभाग व नेत्र रोग विभाग में प्रतिदिन 3 से 4 ऑपरेशन होते हैं। लेकिन नर्सों की हड़ताल से ऑपरेशन पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में अस्पताल के अधिकांश विभाग के वार्ड खाली हो चुके हैं और दो या तीन मरीज ही भर्ती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि जब तक नर्सिंग स्टाफ हड़ताल से नहीं लौटता ऑपरेशन शुरू नहीं किए जा सकते।

रैफर कार्ड पर लिख रहे स्टाफ नहीं उपलब्ध

स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों से जिन मरीजों को जयारोग्य व कमलाराजा अस्पताल के लिए रैफर किया जा रहा है। उनके रैफर कार्ड पर लिखा जा रहा है कि अस्पताल ेंस्टाफ उपलब्ध नहीं है। जबकि स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दावा किया जा रहा है कि हड़ताल से ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है। अस्पतालों में संविदा के अलावा निजी नर्सिंग होम के नर्सिंग स्टाफ को पदस्थ किया गया है। लेकिन हकीकत एकदम उलट है।

ये है प्रमुख मांगे

  • - नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
  • - रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता चिकित्सकों की तरह नर्सों को भी दिया जाए।
  • - भर्ती नियमों में संशोधन हो, संसोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का सुझाव लिया जाए।
  • - नर्सिंग स्टूडेन्ट स्टायपेंड 8000 रुपए किया जाए।
  • - नर्सिग ट्यूटर के पद सृजित किए जाए।
  • - स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक का पद सृजित है जो नर्सिंग संवर्ग का है।
  • - वर्तमान में अन्य कैडर से कार्य कराया जा रहा है जो अनुचित है। सहायक संचालक के पद पर नर्सिंग से ही कार्य कराया जाए।
  • - प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जाए।
  • - मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाए और पुरानी पेंशन (ओपीएस) पूर्व की भांति लागू की जाए।
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