रेलवे अधिकारी ठेकेदार पर मेहरबान, कागजों में हो रहा काम का भुगतान
झांसी रेलवे मंडल में मिलीभगत से दिया जा रहा गड़बड़ी को अंजाम
ग्वालियर, न.सं.। लॉकडाउन में यात्री ट्रेनें खड़ी रहीं। स्टेशन पर सन्नाटा पसरा रहा। ट्रेन न चलने के बाद भी इनकी धुलाई से लेकर सफाई का काम बराबर होता रहा। यहां तक कि सुनसान स्टेशन की सफाई भी आधी प्लेटफार्म पर और बाकी कागजों पर होती रही। इस काम की जिम्मेदारी संभालने वाले ठेकेदारों पर रेलवे इतनी मेहरबान है कि काम न होने या सिर्फ कागजों पर होने के बाद भी बिल का समय से भुगतान हो रहा है।
झांसी रेल मंडल में इन दिनों रेलवे के अधिकारी ठेकेदार पर जमकर मेहरबान हैं। खासतौर पर ऐसे, जिन्होंने कोरोना काल के समय काम किया। रेलवे बोर्ड ने कोरोनाकाल के दौरान आदेश दिया था कि ठेके पर काम कर रहे ठेकेदारों को भुगतान न रोका जाए, ताकि उसके साथ काम कर रहे मजदूरों को वेतन भुगतान हो और समय पर वेतन मिले। झांसी रेल मंडल के इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैकेनिकल से लेकर कई दूसरे विभागों ने काम न होने पर भी ट्रेनों की धुलाई, स्टेशन की सफाई से लेकर चादर की धुलाई समेत अन्य ठेके पर चल रहे कार्यों पर ठेकेदार को भुगतान कर दिया और अभी भी कर रहा है। वहीं दूसरे ओर ठेकेदार के अंडर में काम रहे मजदूर वेतन के लिए परेशान हो रहे हैं। इसकी शिकायत भी लेबर कमिश्नर तक से की गई है।
यहां हो रही गड़बड़ी
- स्टेशन की सफाई में जितने मजदूर बता रहे, उतने हैं ही नहीं
- ट्रेन की सफाई और धुलाई का आधा काम कागज पर चल रहा
- ठेके पर स्टेशन की सफाई में भी सिर्फ कागजों पर हो रही है।