ग्वालियर,न.सं.। रेलयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। वंदे भारत के कुछ रैक वर्ष 2023 में तैयार हो जाएंगे। इनमें से एक रैक नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी एक्सप्रेस को मिलने की संभावना है। आईसीएफ चेन्नई में ये रैक तैयार की जा रहे हैं। यहां बता दे कि देश में पहली वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली से बनारस के बीच फरवरी 2019 को चलाई गई थी। दूसरी वंदे भारत ट्रेन का संचालन नई दिल्ली से जम्मू-कश्मीर के कटरा के बीच हो रहा है। योजना के मुताबिक वर्ष 2024 तक 100 से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस रैक का उत्पादन हो जाएगा। इनमें ज्यादातर कोच आईसीएफ चेन्नई में बनाए जाएंगे। हर तरह की आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस इस ट्रेन की सर्वाधिक मांग है।
तीसरी आंख से होगी निगरानी
- एक कोच में 6 सीसीटीवी कैमरे होंगे। मनोरंजन के लिए सभी कोच में एलईडी लगाई जा रही है।
- आपात स्थिति में यात्री लोको पायलट से बातचीत कर सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक कोच में टॉक बैक सुविधा है।
- यात्रियों को मुफ्त वाईफाई सुविधा मिलेगी। गेट स्वचलित होंगे, जिन्हें खोलने व बंद करने की जरूरत नहीं होगी।
- कोच आपस में जुड़े हुए होंगे। सीटों के बीच अन्य ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा फासला होगा। कोच में बड़े कांच लगे होंगे। जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली सिस्टम आने वाले स्टेशनों की जानकारी देगा।
- इंजन अलग से नहीं लगेगा, बल्कि कोच के दोनों तरफ ड्राइविंग केबिन होंगे। प्रत्येक कोच बिजली से ऊर्जा पैदा कर चलने में सक्षम होंगे।
- रैक 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं, लेकिन इसे नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच करीब 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाना है।