मुख्यमंत्री शिवराज ने "आत्मनिर्भर मप्र" पर दिया जोर, 550 बिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का रोडमैप किया तैयार, देखें वीडियो

66 देशों के प्रवासी भारतीयों ने ग्लोबल गार्डन में पौधे लगाए

Update: 2023-01-09 09:34 GMT

इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि देश की स्वतंत्रता की अमृत काल में मानो हमारे इंदौर में अमृत बरस रहा हो। विश्व भर से हमारे अतिथि पधारे हुए हैं। इंदौर भी अपने अतिथियों का अपनी संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप स्वागत और सत्कार कर रहा है।

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मुख्यमंत्री शिवराज उद्बोधन के प्रमुख बिन्दु - 



आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश 

मैं आप सभी का एक बार फिर हृदय से स्वागत करता हूँ। भारत की आजादी के अमृतकाल में मध्यप्रदेश में अमृत वर्षा हो रही है। इंदौरवासियों ने आपके लिए अपने घर के द्वार भी खोले हैं और दिल के द्वार भी खोले हैं। एक अद्भुत उत्साह और उमंग का वातावरण है। कल 66 देशों के प्रवासी भारतीयों ने ग्लोबल गार्डन में पौधे लगाए हैं।मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया, इसमें आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश सहभागिता करेगा। देश को 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है। मध्यप्रदेश को $550 बिलियन की इकोनॉमी बनाएंगे। इंदौर में अद्भुत उमंग और उत्साह का वातावरण है। इस कार्यक्रम को अविस्मरणीय बनाने के लिए कल इंदौर में ग्लोबल गार्डन बनाया है। 

वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र में नरेंद्र मोदी जी बांध रहे - 

आज सारा देश प्रधानमंत्री जी के पीछे खड़ा है। प्रधानमंत्री जी ने स्वच्छ भारत का मंत्र दिया, तो इंदौर ने स्वच्छता का छक्का लगा दिया। प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया तो मध्यप्रदेश ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बना लिया।प्रधानमंत्री जी ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की ईकोनोमी बनाने का मंत्र दिया तो हमने भी इसके लिये मध्यप्रदेश को 550 बिलियन डॉलर की ईकोनोमी बनाने का रोडमैप बना लिया।100 साल पहले एक नरेंद्र ने कहा था कि महानिशा का अंत निकट है, अंधे देख नहीं सकते, बहरे सुन नहीं सकते लेकिन मैं देख सकता हूँ कि भारत माता विश्वगुरु के पद पर आसीन हो रही है। एक नरेंद्र ने कहा था, और आज दूसरे नरेंद्र के नेतृत्व में यह साकार हो रहा है।पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र में नरेंद्र मोदी जी बांध रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत कई मामलों में विश्व का नेतृत्व करे, मेरी यही कामना है।


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