103 नर्सों को हाईकोर्ट से राहत: आगामी आदेश तक काम पर बनी रहेंगी, शासन से नई भर्ती को लेकर मांगा जवाब…
नियुक्ति शून्य करने के आदेश पर लगी रोक;
इंदौर। इंदौर हाईकोर्ट ने सरकारी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में नियुक्त 103 स्टाफ नर्स और नर्सिंग सिस्टर के मामले में फिलहाल राहत दी है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि आगामी आदेश तक इन नर्सों को ड्यूटी पर बनाए रखा जाए।
इसी सप्ताह हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (एसएसएच) में 2021 में नियुक्त 103 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति को शून्य कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ नर्सों ने हाई कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर की थी।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि जब तक अंतिम आदेश नहीं आ जाता, तब तक ये नर्सें अपने पद पर बनी रहेंगी। साथ ही, कोर्ट ने सरकार से नई भर्ती योजना के बारे में जानकारी मांगी और निर्देश दिया कि भविष्य की भर्ती प्रक्रिया में 30फीसदी महिला आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
कोरोना काल में दी गई थी प्रोविजनल नियुक्ति
इस मामले में हाई कोर्ट की अनुमति से कोरोना महामारी के दौरान इनकी भर्ती की गई थी। हाई कोर्ट ने शर्त रखी थी कि इनकी नियुक्ति अंतिम निर्णय के अधीन होगी। 2021 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधीन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए 306 पदों पर भर्ती विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसमें 100फीसदी महिला आरक्षण रखा गया था। इस फैसले को एडवोकेट निमेष पाठक ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, तर्क दिया गया कि 100फीसदी महिला आरक्षण असंवैधानिक है।
हाई कोर्ट ने हाल ही में अपने फैसले में कहा कि महिला आरक्षण 30 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता, इसी आधार पर 103 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था। हालांकि, रिवीजन याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फिलहाल नर्सों को ड्यूटी पर बनाए रखने का आदेश दिया है। अब अगली सुनवाई में इस पर अंतिम फैसला आएगा।