इंदौर में नकली नोटों का बड़ा खुलासा: 6 आरोपी गिरफ्तार, प्रिंटिंग मशीनों समेत जाली नोट जब्त
MP News: इंदौर की लसूडिया पुलिस ने 20 जनवरी को नकली नोटों के साथ आरोपी शुभम रजक को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान शुभम ने मोहित उर्फ महिपाल का नाम उजागर किया जिसे पुलिस ने 23 जनवरी को हिरासत में ले लिया। आगे की जांच में पुलिस ने मोहित सहित अन्य चार आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों के पास से 200 और 500 रुपए के कुल 2 लाख के नकली नोट बरामद किए गए साथ ही नोट छापने के उपकरण भी जब्त किए गए हैं।
डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा की टीम ने नकली नोटों के मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मलकीत सिंह नागपुर, महाराष्ट्र की चोक्स कॉलोनी, कामटी रोड में रहता है। मनप्रीत सिंह (पुत्र कुलविंदर सिंह विर्क) शामिल हैं। इसके अलावा महिपाल उर्फ मोहित को भी गिरफ्तार हुआ।
अनुराग जो सीहोर जिले के ग्राम रेटी के होली टेकरा क्षेत्र का निवासी है, मोहसिन जो खजराना के दाऊदी नगर में रहता है, और शुभम उर्फ पुष्पांशु जो जबलपुर के लार्डगंज थाना क्षेत्र की पुरानी मछली मंडी का निवासी है ( फिलहाल इंदौर की स्कीम 136 में रहता था) को भी पकड़ा गया हैं।
नकली नोट बनाने का पूरा सामान जब्त
गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन लेजर प्रिंटर, 85 GSM के A4 साइज के कागज (जिन पर 500 और 200 रुपये के नकली नोट छपे थे), दो लैमिनेशन मशीनें, आरबीआई की सुरक्षा पट्टी लगाने वाली विशेष पन्नी और एक लैपटॉप बरामद किया गया है।
महिपाल ने 20 लाख रुपये के नकली नोट खरीदे
महिपाल की गिरफ्तारी के बाद उसने खुलासा किया कि उसने नागपुर के मनप्रीत और मलकीत से 20 लाख रुपये के नकली नोट खरीदे थे, जिन्हें बाद में अनुराग और मोहसिन को सौंपा गया। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि मलकीत किराए के मकान में नकली नोटों की छपाई करता था।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि अब तक वे 20 से 22 लाख रुपये के नकली नोट तैयार कर बेच चुके हैं। फिलहाल पुलिस उनसे और जानकारी जुटा रही है।