इंदौर/श्याम चोरसिया। 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को महानगर,नगर,विकासखंड स्तर के अलावा कस्बाई और प्रमुख ग्रामों के स्तर पर आयोजित करने की कार्ययोगजना को प्रशासन ने अंतिम रूप दिया है. हालांकि योग दिवस को सफल बनाने से ज्यादा जबरजस्त ज़ोर टीकाकरण अभियान को युद्ध स्तर पर कामयाब बनाने का है। प्रशासन के सभी अंग काफी कसरत कर रहे है। बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी प्राण प्रण से लगे है। जागरूकता रैलियों से टीकाकरण के फायदे गिनाए जा रहे है।शार्ट फिल्मों से मदद ली जा रही है। मंत्री,विधायक, पाषर्द, अन्य नेता उस महाअभियान के हिस्सा बन चुके है। ताकि टीका से वंचित को टीका बूथ तक ले जाया सके।
टीकाकरण का श्री गणेश करने से पूर्व योग क्रियाए भी कराई जाएंगी। मगर ये टीकाकरण बूथ की बजाय अन्यंत्र सम्पन्न कराई जा सकती है। इसकी रूपरेखा टीकाकरण अभियान में खो सी गई लगती है। प्रशासन ने बकायदा विभिन्न विभागों को जिम्मेदारियां और भागीदारियां तय की है. मुख्य रोल नगरीय निकायों, पंचायतों का रहेंगा. नियमित योग कर्ता, जन प्रतिनिधि, योग गुरू, विधार्थी, वकील, चिकित्सक, समाजसेवी, व्यापारी, नियत स्थान पर जुटेंगे।
योग शिक्षक योग से मिलने वाले शारीरिक , मानसिक, चिकित्सकीय, सामाजिक लाभो को विस्तार से बतायेंगे. नियमित योग करने वाले श्रीमंत योग वैभव की श्रीकीर्ति के अनुभव बतायेंगे. इस मौके पर शासकीय और निजी विधालय भी अपने अपने स्तर पर योग दिवस मनायेंगे. वैसे तो ज्यादातर शालाओं, धर्मशालाओ, मैरिज गार्डनों, सामुदायिक केंद्रों को टीकाकरण बूथ में बदल दिया। टीकाकरण टीम डेरा डाल चुकी है।ताकि माकूल बंदोबस्त किया जा सके।