कूनो से भागा चीता ओवान पकड़ा गया, आशा अब भी पार्क से बाहर

साउथ अफ्रीका से आई टीम रेस्क्यू कर वापिस लाई

Update: 2023-04-07 11:21 GMT

श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क से पिछले दिनों भागा चिता ओवान को आज ट्रेंकुलाइज कर वापिस पार्क में लाया गया है। उसके रिहायशी इलाके कि ओर बढ़ने से प्रशासन की चिंताएं बढ़ती जा रही थी। जिसके बाद  कूनो प्रबंधन ने दक्षिण अफ्रीका से आई विशेषज्ञों की टीम के साथ मिलकर रेस्क्यू कर उसे पकड़ा गया है। वहीँ आशा नाम की मादा चीता अब भी पार्क से बाहर है। 

कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन डारा दी गए जानकारी के अनुसार, चीते को पकड़ने के लिए पहले रेस्क्यू टीम ने उसकी घेराबंदी की।  उसे कुछ इस तरह से घेरा गया की वह उसी दिशा में भागे जहां ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम खड़ी थी। घेराबंदी से परेशान चीता निश्चित दिशा में जैसे भागा रेस्क्यू टीम ने इंजेक्शन देकर उसे ट्रेंक्यूलाइज कर दिया। चीते के बेहोश होते ही सबसे पहले डॉक्टरों की टीम ने उसके पास पहुंचकर जांच की। इसके बाद उसकी आंखों पर पट्टी लगाकर, ड्रिप लगाई गई। साथ ही उसे सांस लेने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए उसे ऑक्सीजन भी लगाई गई।  इसके बाद उसे बेहोशी की हालत में कूनो नेशनल पार्क लाया गया। 

5 दिन पहले भागा था - 

दरअसल, चीता ओवान गत 2 अप्रैल को नेशनल पार्क की सरहद से बाहर निकल गया था। सबसे पहले उसे झार बड़ौदा इलाके में देखा गया था।  इसके बाद से वह लगातार रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ता जा रहा था।  जिससे किसी पर हमला किए जाने की आशंका बनी हुई थी।  इस दौरान उस्सने एक चिंकारा का शिकार भी किया था। ट्रेस कर रही टीम को गुरूवार के दिन उसकी लोकेशन शिवपुरी जिले के बैराड़ इलाके के डाबर पुरा गांव के पास खेतों में मिली थी। चिता यहां के निवासी किसान मोहन यादव के खेत में एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था। शाम के समय टीम ने दक्षिण अफ्रीका से आई एक्सपर्टस की टीम की अगुवाई में पकड़ा गया। 

प्रधानमंत्री ने बाड़े में छोड़ा था - 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को पार्क में छोड़ा था। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी।

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