वाल्मीकि गुफा के कपाट खुलते ही करीला में उमड़ा आस्था का जनसैलाब
मुख्यमंत्री की पत्नी भी पहुंचेगी
अशोकनगर। रंगपंचमी के पर्व पर मंगलवार को जिले के सुप्रसिद्ध जानकी माता मंदिर, वाल्मीकि आश्रम करीला में वार्षिक मेला शबाब पर रहा। सुबह होते ही नजदीकी गांव ललितपुर से झंडा आने के बाद मेले की पारंपरिक तरीके से शुरुआत हुई।
इसके बाद मंदिर परिसर स्थित प्राचीन श्री वाल्मीकि गुफा के कपाट विधि विधान से पूजा-अर्चना करने पर खोले गए। मेले में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला एक दिन पहले ही शुरू हो गया था। जिले के अशोकनगर व मुंगावली रेल्वे स्टेशनों पर इन दौरान भारी भीड़ रही। दोपहर में ऐसा लग रहा था कि मानो सारे रास्ते करीला की ओर मुड़ गए हों। दो वर्ष के अंतराल से आयोजित हो रहे इस मेले में पंद्रह लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन द्वारा इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। दूसरी ओर मेले में बड़ी संख्या में नृत्यांगना पहुंची हैं, जो बुंदेलखंड के लोकनृत्य राई से मन्नत मांगने वालों के लिए बधाई नृत्य करेंगी।
बुंदेलखंड की आस्था का केंद्र -
गौरतलब है करीला मेला समूचे बुंदेलखंड की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मेले की बढ़ती प्रसिद्धि के चलते अब यहां प्रदेश के अन्य अंचलों के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी श्रद्धालु आने लगे हैं। मेले में उत्तरप्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। कुछ ही दिनों पहले उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। नतीजों से पहले करीला मंदिर की दानपेटी खुलने पर तमाम दावेदारों के मन्नत पूरी करने के पत्र प्राप्त हुए थे। इसके कारण मेले में इस बार कई व्हीआईपी के आने की संभावना भी है। इसके लिए अशोकनगर-विदिशा मार्ग से मोलाडेम होते हुए व्हीआईपी मार्ग तैयार भी कराया गया है। प्रशासन के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह भी आज दोपहर बाद करीला पहुंचेगी।