गुना में 35 करोड़ की ठगी का खुलासा: 10 साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा, घर-कार गिरवी रखकर फंसे निवेशक...
ज्ञानेश पाठक, गुना। शहर में पहली बार 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है। चालीस लोग अभी सामने आए हैं। जिनमें से ज्यादातर युवा हैं । पढ़े लिखे हैं । इन्हें ठगने वाले नीलेश जोशी और अजय राव नाम के ठग भी युवा हैं इसलिए आसानी से उन्होंने कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बना लिया।
जिनके साथ धोखाधड़ी हुई उनमें से कईयों ने अपने घर , कार को गिरवी रखकर पैसा जुटाया था और ठगों को सौंप दिया था। एक पीड़ित पर भरोसा करें तो कई बड़े व्यवसायी भी चंगुल में फंसे हैं , जो अभी सामने नहीं आ रहे हैं।
लेकिन वकीलों के संपर्क में हैं। जिनका कई करोड़ रुपया फंस गया है। इसीलिए कई लोग 50 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा का दावा कर रहे हैं। हैरानी इस बात पर है, यह घटनाक्रम दस साल से भी ज्यादा समय से चल रहा था।
ठगी का तरीका
जिन दो युवकों पर आरोप है उन्होंने 10 साल पहले कंपनियों में निवेश कराने के नाम पर लूशन के बगीचे में ऑफिस खोला बाद में ऑफिस बजाज शोरूम की तरफ ले गए। शुरूआत उन्होंने खुद के साथ पढ़े सहपाठियों से की उन्हें ज्यादा ब्याज का लालच दिया। यह 20 प्रतिशत प्रति माह तक देने की बात थी । जिसमें से आठ प्रतिशत ठगों का हिस्सा कमीशन के रूप में रहता था । यानि 14 फीसदी हर महीने का लालच दिया।
युवकों से यह पैसा कंपनियों के बॉण्डों में निवेश के नाम पर लिया जाता था। इन भोले भाले युवाओं को पता ही नहीं था कि बॉण्डों पर प्रतिफल अधिकतम 9 -10 प्रतिशत रहता है वह भी सालाना आधार पर। यह सिलसिला लगातार चलता रहा। इस दौरान जिन लोगों से निवेश के नाम पर पैसे लिए गए , उन्हें नए निवेशक 3 प्रतिशत कमीशन पर लाने का लालच भी दिया गया। इसे पॉजी स्कीम कहते हैं।
इसका चलन पश्चिम बंगाल में ज्यादा है। इस तरह नए निवेशक जुड़ते गए और पुराने निवेशकों ने ज्यादा लालच के चक्कर में मुनाफे के साथ नई रकम भी निवेश करने के नाम पर लगा दी। इनमें से कई लोग तो एक दो दिन में अपना पैसा वापस लेने वाले थे लेकिन तब तक ठग भाग निकले।
घर और कार भी गिरवी रख दी
नाम न छापने की शर्त पर एक पीड़ित ने बताया कि एक शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना घर और कार भी गिरवी रख दी है। अब उन्हें इस बात की चिंता है कि वह कैसे कर्ज की किश्त देंगे। कई युवाओं को इस बात का भय है कि कहीं उनके माता पिता को धोखाधड़ी की जानकारी न मिल जाए। पुलिस को शिकायत दर्ज कराने के बाद कई महिलाओं की तबियत भी बिगड़ गई है।