मध्‍यप्रदेश: सरकार में ठेका प्रणाली की “घुसपैठ”, कभी भी बैठ जाएगा प्रशासनिक ढांचा…

भर्तियां नहीं होने से सरकार में अनुभवी कर्मचारियों का टोटा, पिछली सरकारों ने सीधी भर्ती करने की बजाय आउटसोर्स व्यवस्था को दिया था बढ़ावा।

Update: 2024-11-20 06:20 GMT

भोपाल। मप्र सरकार के मंत्रालय में ही कर्मचारियों की संख्या जिस गति से हर महीने घट रही है, उस गति से बढ़ नहीं रही है। मंत्रालय में 2539 स्वीकृत पदों के विरुद्ध 1345 कर्मचारी ही रह गए हैं। जिनमें सबसे ज्यादा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के हैं।

यही स्थिति सरकार के अन्य लगभग सभी कार्यालयों की है। जहां नियमित कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कुल स्वीकृत पदों से आधी से भी कम बची है। पिछले एक-डेढ़ दशक में सरकारों ने रिक्त पदों को भरने की बजाय ठेका प्रणाली (आउटसोर्स) से प्रशासनिक तंत्र को चलाने की जुगाड़ बैठाई थी।

अब ज्यादातर विभागों में सीधी भर्ती वाले कर्मचारी उतने भी नहीं बचे कि आगे प्रशासनिक तंत्र को खींचा जाए। यही स्थिति रही तो प्रशासनिक तंत्र कभी भी बैठ सकता है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों में खाली पदों की गणना शुरू कर दी है। जिसके आधार पर सरकार अगले 5 साल के भीतर भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करेगी। कर्मचारी नेताओं के अनुसार मौजूदा स्थिति में राज्य में करीब 2.50 लाख नियमित कर्मचारी बचे हैं। 2026 तक यह संख्या घटकर 1.50 लाख तक रह जाएगी। इसके अनुपात में संविदा कर्मचारियों की संख्या 3 लाख से ज्यादा है।

जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या का कोई प्रमाणित आंकड़ा किसी विभाग के पास नहीं है, फिर भी पंचायत, वार्ड कार्यालयों से लेकर मंत्रालय तक करीब 1.25 लाख कर्मचारी ठेकादारों (आउटसोर्स) के माध्यम से सरकार में काम कर रहे हैं।

मंत्रालय में ऐसा है प्रशासन का ढांचा

मंत्रालय में प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक 2539 पद स्वीकृत हैं। जिनके विरुद्ध 1345 पद ही भरे हैं। खास बात यह है कि प्रथम श्रेणी के अतिरिक्त सचिव के 3 पद, उप सचिव के 14 पद पूरी तरह से खाली हैं। अवर सचिव के 57 पदों के विरुद्ध सिर्फ 18 अधिकारी बचे हैं, जबकि 39 पद खाली हैं। सरकार ने तंत्र को चलाने के लिए मंत्रालय सेवा के अधिकारियों की जगह मैदानी अधिकारी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को पदस्थ कर रखा है।

19 नवंबर की स्थिति में मंत्रालय में खाली पद

पदनाम स्वीकृत पद भरे खाली

  • अतिरिक्त सचिव 03 00 03
  • उप सचिव 14 00 14
  • अवर सचिव 57 17 40
  • स्टॉफ ऑफीसर 18 10 08
  • अनुभाग अधिकारी 143 29 114
  • निज सचिव 60 35 25
  • सहा. अनुभाग अधि. 338 101 237
  • सहा. ग्रेड-2 335 217 118
  • सहा. ग्रेड-3 602 471 131
  • निज सहायक 128 66 62
  • शीघ्र लेखक 53 32 21
  • स्टेनो टायपिस्ट 84 41 43
  • तकनीकी श्रेणी 69 10 59
  • चतुर्थ श्रेणी 635 316 319
  • कुल 2539 1345 1194

इनका कहना है

-अटैचमेंट और आउटसोर्स के जरिए ज्यादा वक्त तक प्रशासनिक तंत्र को नहीं चलाया जा सकता है। सरकार को चाहिए कि पदोन्नति का रास्ता निकाले और नियमित भर्तियां शुरू करे। कार्यालयों में अनुभवी कर्मचारियों का टोटा है। बाहरी लोग कुछ भी कर रहे हैं। तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

- सुभाष वर्मा, कर्मचारी नेता, मंत्रालय भोपाल 

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