सुप्रीम कोर्ट का फैसला: LMV ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को बड़ी राहत, चला सकेंगे 7,500 KG से कम वजन वाले वाहन
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी है कि हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति 7,500 किलोग्राम से कम वजन वाले परिवहन वाहन को चलाने का हकदार है। LMV ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए यह बड़ी खबर है। इस फैसले को LMV ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ इस प्रश्न पर निर्णय दिया है कि, क्या हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति 7,500 किलोग्राम से अधिक भार वाले परिवहन वाहन को चलाने का हकदार है। इस मामले का फैसला 126 पेज में दिया गया है।
भारत में सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं हर साल 1.7 लाख लोग :
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने फैसले के कुछ अंश पढ़ते हुए बताया कि, 'सड़क सुरक्षा वैश्विक स्तर पर एक गंभीर सार्वजनिक मुद्दा है और भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.7 लाख लोग मारे गए और यह कहना कि यह सब एलएमवी चालकों के कारण हुआ, निराधार है। सीट बेल्ट नियमों का पालन न करना, मोबाइल का उपयोग, नशे में होना आदि कई कारण हैं। वाहन चलाने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है और सड़क की ढलानों को संभालने के लिए ध्यान और ध्यान भटकाने से बचना चाहिए।'
एलएमवी धारक को बीमा दावा करने में मिलेगी मदद :
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने आगे कहा कि, 'इस न्यायालय के निर्णय से 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले वाहन चलाने वाले एलएमवी धारक द्वारा बीमा दावा करने में भी मदद मिलेगी, लाइसेंसिंग व्यवस्था स्थिर नहीं रह सकती, हमें उम्मीद है कि मौजूदा खामियों को दूर करने के लिए उपयुक्त संशोधन किए जाएंगे और एजी ने आश्वासन दिया है कि ऐसा ही किया जाएगा।'
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने यह भी कहा कि, 'इससे ऐसे चालकों की आजीविका के मुद्दे भी सामने आएंगे जो अपना अधिकांश जीवन पहियों के पीछे बिताते हैं। 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले वाहन को चलाने के लिए एलएमवी लाइसेंस रखने वाला चालक परिवहन वाहन चला सकता है। एलएमवी और परिवहन वाहन के बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं है। परिवहन वाहन पर लागू अतिरिक्त मानदंड केवल उन वाहनों पर लागू होंगे जो 7500 किलोग्राम से अधिक वजन के हैं।'