Raipur: धान निष्पादन पर विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव, चर्चा न होने पर किया वॉकआउट
Adjournment Motion on Paddy Disposal : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन विपक्ष ने धान निष्पादन को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया। इस प्रस्ताव के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने राज्य को 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि धान की नीलामी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। जब स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई तो विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान कहा कि सरकार ने पहले ही यह स्वीकार किया था कि आगामी समय में धान की नीलामी होगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पहले भी धान निष्पादन में कोई सफलता नहीं मिली थी। इसके चलते राज्य को करीब 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के रवैये को छत्तीसगढ़ के खिलाफ बताया और कहा कि यह राज्य के हितों की अनदेखी करने जैसा है।
भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘चार इंजन’ वाली सरकार के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आगामी वर्ष में आर्थिक घाटा बढ़ता है, तो धान की खरीदी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने राज्य सरकार से केंद्र सरकार से जल्द से जल्द धान की खरीदी के लिए अनुरोध करने की बात भी की।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने स्थगन प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए दोहराया कि छत्तीसगढ़ को धान की नीलामी से भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान और गरीब लोग अपने हक से वंचित हैं और उन्हें उनकी उचित राशि मिलनी चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को सरकार के सामने लाकर उसका ध्यान आकर्षित किया, ताकि छत्तीसगढ़ के किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।
यह मामला राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति और उनके अधिकारों की सुरक्षा को लेकर एक अहम चर्चा का हिस्सा बन गया है। विपक्ष ने यह स्पष्ट किया है कि वे सरकार से इस पर शीघ्र कार्यवाही की उम्मीद करते हैं ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।