राजस्थान: बोरवेल में गिरे बच्चे को 40 घंटे से निकालने की कोशिश जारी, बनाई जा रही सुरंग
5 year old Child Fell into Borewell in Dausa : दौसा। राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में सोमवार दोपहर 3 बजे 5 वर्षीय बच्चा आर्यन बोरवेल में गिर गया, और अब तक उसे बाहर निकालने का प्रयास जारी है। बोरवेल की गहराई करीब 147 फीट है, और 40 घंटे से अधिक समय गुजरने के बावजूद बच्चा बाहर नहीं निकाला जा सका है। बचाव कार्य में जेसीबी और एलएनटी मशीनों से खुदाई जारी है। बीते दिन घटना की जानकारी के बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति का जायजा लिया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन में रुक-रुक कर प्रयास
NDRF की टीम ने बच्चा निकालने के लिए बोरवेल में एक अम्ब्रेला उपकरण इंस्टॉल किया गया था, लेकिन फिर भी बच्चा बाहर नहीं आ सका। इसके बाद सवाई माधोपुर से एक हाईटेक मशीन भी घटनास्थल पर लाई गई, जिसका उपयोग करके सुरंग बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि बच्चा तक पहुंचा जा सके। इसके बाद रिंग डालकर बच्चा निकालने की कोशिश की गई, लेकिन यह प्रयास भी असफल रहा।
पाइलिंग मशीन से खुदाई की शुरुआत
मंगलवार रात 3 बजे से पाइलिंग मशीन से खुदाई की प्रक्रिया शुरू की गई। बोरवेल के पास एक बड़ी सुरंग बनाने की कोशिश की जा रही है। इस सुरंग को बोरवेल से कुछ दूरी पर बनाकर बच्चा तक पहुंचने की योजना है। पाइलिंग मशीन के द्वारा 50 फीट की गहराई तक गड्ढा नुमा सुरंग बनाई जा रही है।
इसके अलावा, बोरवेल से करीब 20 मीटर की दूरी पर मिट्टी खोदकर एक बड़ा गड्ढा बनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन मंगलवार रात से इस कार्य को बंद कर दिया गया। सोमवार शाम से इस गड्ढे को खोदने का काम जेसीबी और ट्रैक्टर से शुरू हुआ था, जो पूरी रात और मंगलवार दिनभर चलता रहा, लेकिन गड्ढा सिर्फ 80 से 90 फीट तक ही खोदा जा सका।
आर्यन के गिरने के बाद से ही एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है और लगातार प्रयास कर रही है। मंगलवार रात भी कड़ाके की ठंड के बावजूद एनडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा। इन जवानों की कड़ी मेहनत और प्रयासों को स्थानीय लोग सराह रहे हैं।
सीसीटीवी से निगरानी
बोरवेल में गिरने के बाद से ही सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से बच्चे की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। सोमवार रात 2 बजे के बाद से बच्चे की कोई हलचल नहीं दिखाई दी है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, उस समय के बाद से सीसीटीवी कैमरे में बच्चे की कोई गतिविधि नहीं दिखी। हालांकि, बच्चे को ऑक्सीजन पाइप के माध्यम से लगातार पहुंचाई जा रही है ताकि उसकी हालत में सुधार हो सके।