जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में मंत्री रहे पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी की आज घर वापसी हो गई।उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के समक्ष पार्टी सदस्यता ली।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा से नाराज होकर घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी। तिवाड़ी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते है। इसी विरोध के चलते ही उन्होंने न केवल भाजपा का दामन छोड़ा, बल्कि नई पार्टी भारतवाहिनी भी बनाई थी। इसी पार्टी से उन्होंने साल 2018 में सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सके थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समक्ष जयपुर के रामलीला मैदान में कांग्रेस ज्वाइन की थी। उनके साथ भाजपा नेता रह चुके सुरेंद्र गोयल एवंजनार्दन गहलोत भी कांग्रेस में शामिल हुए थे।
ऐसे हुई वापसी -
घनश्याम तिवाड़ी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बेहद नजदीकी रिश्ते थे। इसके बावजूद न तो तिवाड़ी को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी गई और न ही उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों में कहीं एडजस्ट किया गया। कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज होकर ही तिवाड़ी ने दोबारा भाजपा का दामन थामने का फैसला किया। राजे के विरोध की वजह से तिवाड़ी की वापसी नहीं हो पा रही थी, लेकिन अब माना जा रहा है कि वसुंधरा विरोधी खेमा राजस्थान की राजनीति में मज़बूत हो गया है, तो उनके भाजपा में आने की राह खुल गई। उन्होंने इसके लिए पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा था। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तिवाड़ी को वापस पार्टी में शामिल करने के लिए कहा था।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर -
तिवाड़ी 6 बार चुनाव जीतकर राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे हैं। तिवाड़ी 1980 में पहली बार सीकर से विधायक बने। इसके बाद 1985 से 1989 तक सीकर से विधायक रहे। 1993 से 1998 तक विधानसभा क्षेत्र चौमूं से विधायक बने। वे जुलाई 1998 से नवंबर 1998 तक भैरोंसिंह शेखावत सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने दिसम्बर 2003 से 2007 तक वसुंधरा राजे सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। तिवाड़ी कांग्रेस में अलग-थलग पड़े थे। न तो वो कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में दिखाई देते थे और न ही किसी धरने-प्रदर्शनों में शिरकत करते नजर आते थे। लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया था, तिवाड़ी ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी किया था।