चुनाव में पैसे और बाहुबल का बढ़ता प्रयोग चिंताजनक: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त
जयपुर। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला का कहना है कि देश की चुनाव प्रक्रिया बहुत अच्छी है और यह बहुत अहम है कि यहां जीतने वाले और हारने वाले परिणामों को समान रूप से स्वीकार करते हैं। लेकिन चुनाव में पैसे और बाहुबल का बढ़ता प्रयोग चिंताजनक है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन शनिवार को अपनी किताब 'एवरी वोट काउंट्स' के लोकार्पण के लिए आए चावला ने कहा कि लोकतंत्र में एक-एक वोट की कीमत होती है। इसके लिए उन्होंने राजस्थान विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी का उदाहरण भी दिया, जो 2008 में एक वोट से चुनाव हार गए थे। उन्होंने महिलाओं को कम टिकट दिए जाने को निराशाजनक बताया। चर्चा के दौरान चावला ने ईवीएम मशीन के बारे में बताते हुए कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशान पूरी तरह से भरोसेमंद है।
उन्होंने कहा कि हमारी संसद में कई उद्योगपति और व्यापारी हैं और ये उन संसदीय समितियों के सदस्य भी हैं जो उन्हें किसी तरह का फायदा पहुंचा सकती हैं। उन्होंने कहा कि कोई सांसद 50 लाख खर्च कर रहा है तो कोई 70 लाख रुपये खर्च कर रहा है। हमारी संसद अमीर सांसदों वाली संसद है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या ये लोग वास्तव में जनता की पसंद हैं? (हि.स.)